टीआरपी डेस्क। ओटीटी बाजार अब मल्टीप्लैक्स को पछाड़ने के लिए तैयार है। 2018 में 2,590 करोड़ रुपये से 2023 तक 12,000 करोड़ रुपये का उद्योग बनने की उम्मीद है। एक रिसर्च की मानें तो ओवर-द-टॉप या ओटीटी बाजार 2023 तक 11,944 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
जो 2018 में 2,590 करोड़ रुपये से बढ़कर 36 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि है। बता दें कि वीसीआर/वीसीपी/डीवीडी उद्योग अब अचानक ही लुप्त हो चले हैं। ऐसे में ओटीटी ने मनोरंजन उद्योग की हिस्सेदारी और राजस्व का 7-9 प्रतिशत हिस्सा पहले ही अपनी ओर कर लिया है। आज देश में 45 करोड़ से अधिक ओटीटी ग्राहक हैं और यह 2023 के अंत तक 50 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
(अमेरिका की तुलना में भारत में 70-90 प्रतिशत सस्ते में प्लान पेश कर रही हैं कंपनियां)
बता दें कि ओटीटी के लगातार बढ़ रहे यूजर्स से एक बात तो तय है कि इसका असर मल्टीप्लेक्स पर जरूर होगा क्योंकि 50 फीसदी से ज्यादा लोग महीने में 5 घंटे से ज्यादा ओटीटी का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में भविष्य में, यह उम्मीद की जा रही है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और फिटनेस में ओटीटी प्लेटफार्मों का विस्तार इसके भविष्य को भी मजबूत करेगा।
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