वेब डेस्क। इस युद्ध के बीच अब यूक्रेन और अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि रूसी हथियारों में 75 प्रतिशत तक की कमी आ चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि हथियारों की कम आपूर्ति के कारण रूस अपने हमलों को भी नियंत्रित कर सकता है।
अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया, शुरुआती दिनों में रूस ने बड़ी तेजी से यूक्रेन पर हमला किया था। हालांकि, जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंचता गया, हथियारों की कमी के कारण रूसी हमले भी धीमे होते गए। बता दें कि हाल ही में अमेरिका और जर्मनी ने घोषणा की है कि वे यूक्रेनी सेना को पहली बार बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों के अलावा पैट्रियट रक्षा मिसाइल बैटरी भेजेगा।
रूसी हमले अभी तक क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों पर केंद्रित रहे हैं, लेकिन हथियारों की घटती आपूर्ति के बीच रूस अपने पुराने हथियारों के इस्तेमाल के लिए मजबूर हो गया है। पिछले महीने, एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा था कि रूस को 40 साल पुराने शस्त्रागार के हथियारों का सहारा लेना पड़ा है, क्योंकि नए हथियारों की आपूर्ति कम हो गई है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि रूस की ओर से प्रति दिन 20,000 की दर से होने वाली राउंड फायरिंग गिरकर औसतन लगभग 5,000 प्रति दिन हो गई है। वहीं, यूक्रेन का अनुमान है कि दर प्रति दिन 60,000 से 20,000 तक गिर गई है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को अपने नियमित खुफिया अपडेट में बताया कि अब ऐसा प्रतीत होता है कि रूस अपनी रक्षा किलेबंदी को मजबूत करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को एक साल पूरा होने वाला है। दोनों ही देश एक-दूसरे पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। यूक्रेन को जहां पश्चिमी देशों से सैन्य मदद मिल रही है तो वहीं रूस अपने विशाल हथियारों के जखीरे की दम पर इस जंग में अब तक टिका हुआ है।
इस युद्ध के बीच अब यूक्रेन और अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि रूसी हथियारों में 75 प्रतिशत तक की कमी आ चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि हथियारों की कम आपूर्ति के कारण रूस अपने हमलों को भी नियंत्रित कर सकता है।
अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया, शुरुआती दिनों में रूस ने बड़ी तेजी से यूक्रेन पर हमला किया था। हालांकि, जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंचता गया, हथियारों की कमी के कारण रूसी हमले भी धीमे होते गए। बता दें कि हाल ही में अमेरिका और जर्मनी ने घोषणा की है कि वे यूक्रेनी सेना को पहली बार बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों के अलावा पैट्रियट रक्षा मिसाइल बैटरी भेजेगा।
रूसी हमले अभी तक क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों पर केंद्रित रहे हैं, लेकिन हथियारों की घटती आपूर्ति के बीच रूस अपने पुराने हथियारों के इस्तेमाल के लिए मजबूर हो गया है। पिछले महीने, एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा था कि रूस को 40 साल पुराने शस्त्रागार के हथियारों का सहारा लेना पड़ा है, क्योंकि नए हथियारों की आपूर्ति कम हो गई है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि रूस की ओर से प्रति दिन 20,000 की दर से होने वाली राउंड फायरिंग गिरकर औसतन लगभग 5,000 प्रति दिन हो गई है। वहीं, यूक्रेन का अनुमान है कि दर प्रति दिन 60,000 से 20,000 तक गिर गई है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को अपने नियमित खुफिया अपडेट में बताया कि अब ऐसा प्रतीत होता है कि रूस अपनी रक्षा किलेबंदी को मजबूत करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।