रवि तिवारी@देवभोग। डेढ़ साल पहले सुपेबेड़ा पहुँच मार्ग के खड़का नाले में बन रहा पुल कछुए की गति से निर्माणाधीन है.. डेढ़ साल में ठेकेदार सिर्फ फाउंडेशन का काम ही पूरा कर पाया है, जबकि अभी भी पुल का काम आधा अधूरा स्थिति में है.. डेढ़ साल पहले शुरू हुए इस काम को ठेकेदार को छह महीने की अवधि में पूरा करना था, छह महीने की अवधि तो दूर आज डेढ़ साल बीत गए लेकिन काम अभी भी आधा अधूरा स्थिति में है.. यहां बताना लाजमी होगा कि खड़का नाले में रपटा होने की वजह से बारिश में पानी पांच से छह फिट ऊपर बहता था.. आमजनों को बारिश में दस से बारह किलोमीटर का सफर तय कर झाखरपारा से होते हुए देवभोग आना पड़ता था.. वहीं लम्बे समय से ग्रामीणों की पुल बनाने की मांग पर राज्य शासन ने हामी भरा और खड़का नाले में 151.48 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी.. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि शासन के द्वारा स्वीकृति मिलने पर उनकी बड़ी समस्या दूर होगी. लेकिन ठेकेदार की लापरवाही और विभागीय अधिकारी के संरक्षण के चलते काम डेढ़ साल से अधर पर लटका हुआ है…
बारिश में टापू में तब्दील हो जाता है -: दहीगॉव के सरपंच खगेश्वर नागेश, सुपेबेड़ा की सरपंच चंद्रकला मसरा और कोसमकानी के सरपंच कार्तिक यादव की माने तो पिछले साल बारिश के पहले ठेकेदार ने तत्परता दिखाते हुए पुल बनाने के लिए खोदाई करवा दिया… ज़ब ठेकेदार खोदाई करवा रहा था, तो उसके काम करने की तत्परता को देखकर ग्रामीणों को भी उम्मीद थी कि यह पुल छह महीने के समयावधि में पूरा हो जायेगा.. सुपेबेड़ा के ग्रामीण महेंद्र के मुताबिक पिछले साल गड्ढा खोदे जाने के कारण बारिश के मौसम में पूरा खड़का नाला टापू में तब्दील हो गया था. नदी उस पार के 20 से ज्यादा गॉव के ग्रामीण मजबूरीवश देवभोग आने और जाने के लिए 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय करने कों मजबुर थे… ग्रामीणों की माने तो आधे अधूरे पुल को देखकर उन्हें इस बार भी लगने लगा है कि परेशानियों के बीच बरसात के मौसम में झाखरपारा से होते हुए उन्हें देवभोग मुख्यालय तक पहुंचना पड़ेगा…
मामले में पीडब्लूडी विभाग के एसडीओ मोहित साहू ने बताया कि ठेकेदार को जून 2023 तक पुल को पूरा करना है.. रीवाइज एस्टीमेट के मुताबिक… वहां बॉटम स्लेब का काम पूरा हो चुका है.. जून 2023 तक हर हाल में काम पूरा कर लिया जायेगा..