0 श्री राम जी के किये कार्यो का अनुशरण और श्री कृष्ण के लीलाओं का चिंतन
खैरगढ़। खैरागढ़ विधायक श्रीमती यशोदा नीलांबर वर्मा के गृह ग्राम देवारीभाठ में दिनांक 11 जनवरी से 19 जनवरी तक सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय उद्देश्य को लेकर चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित विनोद बिहारी गोस्वामी के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। पंडित जी कहा कि अगर व्यक्ति मन लगाकर “श्रीमद भागवत कथा” अपने चित में धारण कर ले। याद रखिये इस बात को सिर्फ इच्छा पूर्ति करने का ही एक पुराण नहीं है। की आप जो मांगे वो प्राप्त हो जायेगा। मुक्ति प्राप्त कराने वाला ये ग्रंथ साक्षात् श्री कृष्ण ही है। प्रत्यक्ष श्री कृष्ण ही है। भागवत में और कृष्ण में कोई अंतर नहीं है। कलिकाल में पुराणरूपी कृष्ण हम सबके समस्त पापों का हरण करने के लिए भागवत के रूप विराजमान है। वो जीव कितने अभागे है जो ईश्वर को त्याग कर संसार के बंधनों में फसे पड़े है। धर्म युक्त होकर जीवन के उद्देश्य बना लो। जब – जब अवसर मिलेगा हम भागवत कथा स्वयं तो सुनेगे ही पर स्वयं यजमान बनकर भी जैसे अष्टोतर भागवत कथा होती है। बिहारी जी ने आगए कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन, कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला चरित्र का वर्णन मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, उग्रसेन मुक्त उद्धव प्रसंग का कथा सुना कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। पंडित विनोद बिहारी जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। लोगों ने रातभर इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या महिला पुरुष सहित नेताओं ने कथा श्रवण किया जिसमें इन्द्रशाह मंडावी , भुनेश्वर बघेल, प्रतिमा चंद्राकर, लक्षमण चंद्राकर, प्रदीप चौबे , आकाशदीप सिंह , सुरेंद्र दास वैष्णव भुनेश्वर साहू, सज्जाक खान, कमलेश्वर वर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने श्रीमद भागवत कथा का रस पान किया । प्रतिस्पर्धा नाम कमाने पैसा कमाने की जगह भक्ति पाने धर्म कमाने में करीये जीवन सफल हो जाएगा।
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