बढ़ते तापमान के साथ ही गर्मी की शुरुआत होने लगी है। कुछ ही दिनों गर्मी का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में बदलते मौसम के साथ ही हमारी लाइफस्टाइल में भी कई सारे बदलाव होने लगेंगे। खानपान से लेकर रहन-सहन तक गर्मियों में सब कुछ पूरी तरह से बदल जाएगा। गर्मी के सीजन में कोल्ड ड्रिंक्स भी हमारी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन जाती हैं। कई सारे लोग गर्मियों में लगातार कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस कोल्ड ड्रिंक को आप गर्मी से राहत पाने के लिए पीते हैं, वह आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकती है। अगर नहींं तो चलिए जानते हैं कोल्ड ड्रिंक्स से होने वाले नुकसानों के बारे में-
बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल
गर्मियों में इस्तेमाल होने वाली सॉफ्ट ड्रिंक्स में भारी मात्रा में चीनी रहती है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में कोल्ड ड्रिंक पीने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। शरीर में शुगर के बढ़ने से सेहत को काफी नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। साथ ही इससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
पेट के लिए हानिकारक
कई सारी कोल्ड ड्रिंक्स में कार्बन डाई ऑक्साइड मौजूद रहती हैं, जो पेट में जाते ही गर्मी की वजह गैस में बदलने लगती है। यही कारण है कि कोल्ड ड्रिंक पीते ही कुछ लोगों को तुरंत डकार आती है। सॉफ्ट ड्रिंक में मौजूद यह कार्बन डाई ऑक्साइड पेट के लिए एक ब्लीचिंग एजेंट की तरह काम करता है, जिसकी वजह से पेट में बनने वाले डाइजेस्टिव एंजाइम पर असर होता है। यही वजह है कि कई बार ज्यादा या रात के समय कोल्ड ड्रिंक पीने से सीने में जलन होने लगती है।
दांतों के लिए नुकसानदेय
कोल्ड ड्रिंक्स या सोडा ड्रिंक्स में मौजूद फॉस्फोरिक और कार्बोनिक एसिड हमारे दांतों के लिए काफी हानिकारक होता है। इसे पीने से दांतों के सुरक्षा पर्त यानी इनेमल को नुकसान पहुंचता है। इसकी वजह से कई बार सेंसटिविटी और कैविटी समस्याएं भी होने लगती है।
किडनी पर भी पड़ सकता है असर
कोल्ड ड्रिंक में मौजूद शुगर न सिर्फ डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है, बल्कि इसकी वजह से हमारी किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है। दरअसल, शरीर में शुगर की ज्यादा मात्रा होने पर मसल्स इस शुगर का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाती है, जिसकी वजह से किडनी शुगर को पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकलने की कोशिश करती है। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किडनी को सामान्य से कई गुना ज्यादा कार्य करना पड़ता है, जिससे लीवर डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है।