जशपुर/मुंगेली। गबन और लापरवाही के मामले में दो जिलों के 3 पंचायत सचिवों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें जशपुर के तपकरा पंचायत का बहुचर्चित पूर्व सचिव भी शामिल है, जिसके ऊपर लगभग 75 लाख रूपये के गबन का आरोप है।
पहला मामला फरसाबहार जनपद पंचायत क्षेत्र के तपकरा ग्राम पंचायत का है। यहां के सरपंच की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र यादव ने जांच कराई और प्रतिवेदन के आधार पर फरसाबहार सचिव व ग्राम पंचायत तपकरा के तात्कालीन सचिव जगन्नाथ जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
जिला पंचायत सीईओ द्वारा जारी निलंबन आदेश में उल्लेख है कि पंचायत के प्रतिनिधियों की गैर जानकारी व बगैर किसी प्रस्ताव के विभिन्न निर्माण कार्य की राशि 3234660 /- (बत्तीस लाख चौंतीस हजार छः सौ साठ रू) तथा 14 वे तथा 15 वें वित्त योजना की रोकड़ बही अनुसार आबंटित राशि 4261033/- (बियालीस लाख इकसठ हजार तैंतीस रू.) कुल राशि 7495893 /- (चौहत्तर लाख पंचानबे हजार छः सौ तिरानबे रू.) का बिना कार्य किये राशि आहरण कर गबन कर लिया।
तपकरा के पूर्व पंचायत सचिव जगन्नाथ जायसवाल के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, मगर अपने रसूख के बल पर वह अब तक बचता रहा। बताया जाता है कि अजीत जोगी के शासनकाल में जगन्नाथ जायसवाल की पहचान कांग्रेस नेता के रूप में होती थी और वह जोगी परिवार का काफी करीबी था। उस दौर में भाजपा के कद्दावर नेता नंदकुमार साय की बहू को कांग्रेस जॉइन करने में जगन्नाथ की प्रमुख भूमिका रही है। बाद में अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए जगन्नाथ जायसवाल पंचायत सचिव बन गया। तपकरा में अपने पदस्थापना काल में उसने बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ियां की, मगर कोई भी उसका बाल-बांका नहीं कर सका। अब जाकर वर्तमान में पदस्थ सरपंच ने शिकायत की तब जांच हुई और गड़बड़ी के सबूत मिलने पर जगन्नाथ कोनिलंबित कर दिया गया।
जशपुर जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र यादव ने एक अन्य आदेश के तहत भजमोहन पात्रे, ग्राम पंचायत सचिव बाबूसाज बहार, जनपद पंचायत फरसाबहार को कार्य में घोर लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया। पंचायत सचिव के द्वारा साप्ताहिक बैठक एवं पंचायत मुख्यालय से अनुपस्थित रहने, गौठान के कार्य में रूचि नही लेने एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत फरसाबहार के द्वारा दो बार जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब प्रस्तुत नही किया गया। वहीं कार्यालयीन पत्र दिनांक 23.06.2022 द्वारा तत्कालीन ग्राम पंचायत तुमला, जनपद पंचायत फरसाबहार के वित्तीय प्रकरणों में जारी कारण बताओ नोटिस का भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस प्रकार भजमोहन पात्रे द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों / दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती गई है एवं अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों / निर्देशों का अवहेलना किया गया है। इसे देखते हुए पंचायत सचिव भजमोहन पात्रे को निलंबित कर दिया गया।
उधर मुंगेली कलेक्टर राहुल देव के निर्देश पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दशरथ सिंह राजपूत ने आदेश जारी कर जनचौपाल में प्राप्त आवेदनों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर विकासखण्ड मुंगेली के ग्राम पंचायत धनगांव गो. के पंचायत सचिव झूलाराम घृतटाण्डे को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है.
जारी आदेश के अनुसार सचिव द्वारा धनगांव गो. के जनचौपाल में प्राप्त 25 निराश्रित आवेदनों को आवश्यक दस्तावेज के साथ जनचौपाल के पूर्व स्वीकृति हेतु जनपद पंचायत कार्यालय मुंगेली में जमा नहीं किया गया, जिसके कारण पात्र हितग्राही उक्त योजना से लाभान्वित होने से वंचित हो गए। पंचायत सचिव के उक्त कृत्य को शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं में रूचि नहीं लेना व उच्चाधिकारी के आदेश की लगातार अवहेलना मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
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