बेंगलुरु । राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने चार संदिग्ध आतंकवादियों को सात साल के सश्रम कारावास और 40,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इन पर आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए बेंगलुरु में डकैती करने का आरोप था। कोर्ट ने आदेश सुनाया कि सभी आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन से जुड़े हैं।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के कदोर खाजी उर्फ मोटा अनस (33), शमशेरगंज जिले के मुस्तफिजर रहमान उर्फ तुहिन (39), आदिल शेख (27), मुर्शिदाबाद जिले के अब्दुल करीम उर्फ छोटा (21) पर दोष साबित हुआ है। दोषियों ने केआर थाने में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। उन्हें अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और एनआईए अधिकारियों ने भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, रासायनिक पदार्थ, बम तैयार करने के लिए कंटेनर, तात्कालिक विस्फोटक उपकरण और एक डिजिटल कैमरा जब्त किया था।
पुलिस ने 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी।
जांच में साबित हुआ था कि सभी दोषी अपने घर में बम तैयार कर रहे थे। उनमें में से एक अब्दुल करीम उर्फ छोटा बिहार में 7 जुलाई 2013 को यूनेस्को के विश्व विरासत केंद्र महाबोधि मंदिर के आसपास के इलाकों में सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में आरोपी था। पी. प्रसन्ना कुमार ने एनआईए के लिए अपनी दलीलें पेश कीं।