रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा आज हंगामों के नाम रही। प्रश्नकाल में जहां पीडीएस घोटाले पर सरकार को विपक्ष ने घेरा, तो वहीं चिटफंड घोटाले पर भी विपक्ष काफी आक्रामक दिखा। बता दें इस मामले में विपक्ष ने स्थगन लाकर चर्चा कराने की मांग की।
भाजपा विधायक बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि काफी लोगों का चिटफंड कंपनी में पैसा डूबा हुआ है। सरकार ने घोषणापत्र में पैसा वापस दिलाने का वादा किया था। अकेले सहारा में 3 हजार करोड़ डूबा है। इस विषय में स्थगन है इसको ग्राह्य करके चर्चा कराया जाए।
चिटफंड के मुद्दे पर सत्ता पक्ष बार-बार टोका टोकी करता दिखा, जिसके बाद सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा रोका टोकी करने पर विपक्ष ने आपति जतायी। विपक्ष के विधायकों ने कहा कि बगैर अनुमति के मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायक बोल रहे है इसमें व्यवस्था आनी चाहिए। अजय चंद्राकर ने कहा- आज कि तारीख में जितनी कार्रवाई करनी है उतनी नही हो रही है। किसी का पैसा सरकार ने नही लौटाया है।
बाद में आसंदी ने विपक्ष के स्थगन को अग्राह्य कर दिया, जिसके बाद स्थगन को अस्वीकार किए जाने के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की। विपक्ष के हंगामे के बीच मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि चिटफंड कंपनी के कार्यालय का बीजेपी के नेताओ ने ही उद्घाटन किया था। जिसके बाद पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस शुरू हो गयी। हंगामे के दौरान सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित रही।
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