नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करने के लिए चीन समय-समय पर नाकाम कोशिश करता रहता है । एक बार फिर चीन ने अरुणाचल से जुड़ी जगहों का नाम अपने नक्शे में बदला है । इसपर अब विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह की कोशिश की है । हम इसे सिरे से खारिज करते हैं । अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न, अविच्छेद्य अंग है. उन्होंने कहा कि आविष्कार किए गए नामों को सौंपने का प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा ।
दरअसल, चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने 1अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 जगहों के मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट की जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार ‘तिब्बत का दक्षिणी भाग जंगनान बताता है । इस लिस्ट में दो रिहाइशी इलाक़े, पांच पर्वत चोटियां, दो नदियां और दो अन्य इलाक़े शामिल हैं. लिस्ट के साथ मैप भी जारी किया गया है ।
छह साल में तीसरी बार बदले नाम
चीन ने जिन जगहों के नाम बदलने या मान्यता देने का फैसला किया है उसमें अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के पास की एक जगह भी शामिल है । बीते छह सालों में ये तीसरी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम बदले हैं । चीन अरुणाचल प्रदेश के इस हिस्से को जंगनान प्रांत बताता है. इससे पहले, पिछले साल दिसंबर में भारत सरकार ने कहा था कि उसने चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में बदलने का प्रयास करने की रिपोर्ट देखी है ।