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छत्तीसगढ़ के इन नवाचारों को कर्नाटक भी करेगा लागू

रायपुर/ कर्नाटक राज्य की टीम गुरूवार को छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा (ईसीसीई) सहित विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन करने पहुंची। टीम ने टाटा ट्रस्ट, यूनिसेफ एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दुर्ग जिले के ग्राम मोहलई के आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र और ग्राम कोटनी के आंगनबाड़ी सहित गौठान का अवलोकन किया। टीम ने ईसीसीई गतिविधियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में लागू नवाचारों मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, सुपोषण वाटिकाओं, गौठानों एवं सामुदायिक सहयोग को सराहा और कर्नाटक राज्य में भी इन्हें लागू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।

टीम में कर्नाटक राज्य के 02 परियोजना अधिकारी, टाटा ट्रस्ट एवं यूनिसेफ के सेटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस के प्रतिनिधि सम्मिलित थे। टीम का प्रतिनिधित्व कर्नाटक राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के उपसंचालक श्री प्रभाकर कर रहे थे। टीम ने स्थानीय भ्रमण भी किया और हितग्राहियों से बातचीत कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। इसके बाद टीम के सदस्यों द्वारा द्वारा पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में संचालित में विभिन्न गतिविधियों को विस्तार से जाना।

टीम ने सर्वप्रथम ग्राम मोहलई में संचालित आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र का अवलोकन किया। यहां उन्होंने बच्चों को दिए जा रहे नाश्ता एवं पौष्टिक आहार के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा बच्चों को कराई जा रही ईसीसीई गतिविधियों को देखा। इस दौरान उन्हें बच्चों ने रोचक तरीके से कविताएं एवं बालगीत सुनाया। टीम के सदस्यों ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों से निर्मित छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भी स्वाद लिया।

उन्होंने आंगनबाड़ी परिसर में जनसहयोग से निर्मित सुपोषण वाटिका भी देखी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने उन्हें बताया कि बाड़ी में लगी सब्जियों एवं फलों का उपयोग केन्द्र के बच्चों तथा माताओं के लिए किया जाता है। स्थानीय गौठान से प्रतिदिन बच्चों के लिए दूध की आपूर्ति भी निःशुल्क की जाती है। इससे बच्चों में कुपोषण को दूर करने में मदद मिल रही है। इसके बाद टीम ग्राम कोटनी पहुंची और वहां स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की शारीरिक, बौद्धिक गतिविधियों के साथ उनके संवेगात्मक विकास के लिए की जा रही गतिविधियों का अवलोकन किया। टीम ने केन्द्र में बच्चों को दिए जा रहे भोजन एवं स्टोर की खाद्य सामग्रीयों की गुणवत्ता भी परखी और उसकी सराहना की।

टीम के द्वारा सरपंच मनोज साहू के साथ ग्राम कोटनी के गौठान के अवलोकन के साथ गाँवों का भ्रमण करते हुए गर्भवती माताओं,कुपोषित बच्चों के घर भी गृहभेंट करते हुए विभागीय योजनाओं के लाभों के बारे में चर्चा की। भ्रमण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन, सेक्टर रसमड़ा की पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, बच्चों के अभिभावक, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य तथा स्थानीय मितानीन भी मौजूद थे।

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