रायपुर। केंद्र सरकार ने प्रदेश में तेंदुओं की हो रही मौतों को संज्ञान में लिया है। इस सिलसिले में राज्य सरकार से जानकारी मांगी गई है, साथ ही इसकी जांच के लिए एक टीम के पहुंचने की भी खबर है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में पिछले 5 साल में तेंदुओं की मौत के मामलों की जांच की हो रही है।
जानकारी मिली है कि पिछले साल चार तेंदुओं की मौत हुई है। वहीं कुछ स्थानों पर शिकार के मामले भी सामने आए हैं। गरियाबंद के सोहागपुर जंगल में कुछ समय पहले ही एक तेंदुए की मौत हुई थी। उस समय बिजली गिरने से मौत की आशंका जताई गई थी। वन्य प्राणियों के शिकार की घटनाओं पर संसदीय कमेटी की बैठक में भी चर्चा हुई है।
रायपुर सांसद सुनील सोनी ने संसदीय कमेटी में छत्तीसगढ़ में तेंदुओं की मौत के मामलों पर चिंता जताई थी, और आरोप भी लगाया था कि बड़े पैमाने पर तेंदुआ के शिकार की घटनाएं हो रही हैं। संसदीय कमेटी ने इस मामले में सरकार से जवाब तलब किया है।
पता चला है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने राज्य सरकार से पिछले 5 सालों में शिकार हुए तेंदुओं का ब्यौरा मांगा है। साथ ही इसके रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी चाही है। वन अमला इस बात से इंकार कर रहा है कि तेंदुओं के शिकार हो रहे हैं, केवल एक घटना को छोड़कर तेंदुओं के शव में किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। सभी के अंग सुरक्षित मिले। इनका कहना है कि प्राकृतिक कारण जैसे आकाशीय बिजली गिरने से तेंदुआ की मौत की घटनाएं हुई हैं।
इस संबंध में जब TRP संवाददाता ने PCCF वाइल्ड लाइफ सुधीर अग्रवाल से फोन पर जैसे ही अपना परिचय दिया, उन्होंने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया, इसके बाद उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्हें व्हाट्सएप्प और SMS करके भी जानकारी मांगी गई, मगर उनकी तरफ से कोई भी रिप्लाई नहीं दिया गया। इसके बाद हमने PCCF संजय शुक्ला से बात की, उन्होंने केंद्रीय टीम के आने की जानकारी से अनभिज्ञता जताई और कहा कि इसकी जानकारी सुधीर अग्रवाल, PCCF वाइल्ड लाइफ ही दे सकते हैं। तब उन्हें अग्रवाल द्वारा फोन काटे जाने की जानकारी दी गई।
वन विभाग के बिलासपुर सर्किल के CCF जगदीशन ने TRP न्यूज़ को बताया कि उन्हें केंद्रीय टीम के आने की जानकारी तो नहीं है, मगर उनसे मुख्यालय से बीते 5 साल में शिकार हुए तेंदुओं की जानकारी मांगी गई है, जो उन्होंने भेज दी है। जगदीशन ने बताया कि उनके सर्किल में सन 2019 में एक मादा तेंदुए का शिकार हुआ था और इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। अन्य तेंदुओं की मौत सामान्य ढंग से हुई है।
बहरहाल तेंदुओं की मौतों को केंद्र द्वारा गंभीरता से लेने के बाद वन अमला हलचल में आ गया है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मीडिया से बचने के लिए अपनाया जा रहा रवैया बताता है कि वे वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं।
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