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छुरिया : पांच साल के कार्यकाल में दोनों ही दलों का विवादों से रहा है नाता

0 इस बार नगर पंचायत का सीट हुआ सामान्य वर्ग से
0 भाजपा और कांग्रेस में बैठकों का दौर शुरू

छुरिया- नगर पंचायत छुरिया में पिछले चुनाव की बात करें तो नगर की सत्ता में भाजपा की बहुमत होने के बाद भी भाजपा को सीट खोनी पड़ी थी । कांग्रेस की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी श्रीमती राजकुमारी सिन्हा एक वोट से चुनाव जीतकर नगर में कांग्रेस की सरकार बनाने में सफल हुई थी । लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल में बहुचर्चित दुकान आबंटन का मामला, राशन घोटाला, विवादों में पड़ गया था। जिससे उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा था अपितु उनके बयान को लेकर उन्हीं के पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हो गये थे । उन्हें इसी मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने नोटिस थमाया था । वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा एवं भाजपा के पार्षदों ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के दुकान आबंटन में एक-दूसरे से हाथ मिलाकर अपने परिजनों को दुकान की चाबी सौैप दी ये भी मामला काफी तूल पकड़ा ।

भाजपा के पार्षदों ने अपने नगर पंचायत उपाध्यक्ष को कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पार्षदों के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लाकर उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था । इसी मामले को लेकर भाजपा की नगर में जमकर किरकरी हुई थी, और भाजपा के सात पार्षदों को पार्टी से पांच साल के लिए निष्कासित कर दिया था । फिर उसके कुछ दिनों के बाद पुनः उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ, जहां तालमेल नहीं होने से भाजपा के निष्कासित प्रत्याशियों ने अपना प्रत्याशी कांग्रेस के खिलाफ उतार दिया । नतीजा यहां भी कांग्रेस ने एक वोट से उपाध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया । इससे गुस्साए निष्कासित भाजपा के पार्षदों ने कांग्रेस के असंतुष्ट पार्षदों से हाथ मिलाकर नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें नगर पंचायत की सत्ता से बेदखल कर दिया था । कहा जाता है सत्ता सरकार के दबाव होने से अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हो पाया और कांग्रेस के पार्षद सुनील लारोकर को वर्तमान कांग्रेस सरकार ने कार्यकारिणी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया । इसका बागी पार्षदों ने खूब हल्ला किया । जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन देकर चुनाव कराने गुहार लगायी पर प्रशासन ने इस मामले में सत्ता का दबाव होने से हाथ खड़े कर दिये । इधर भाजपा का साथ देने से कांग्रेस के उपाध्यक्ष सहित तीन पार्षद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पांच वर्षों के लिए निलंबित कर दिया । फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार चली गई, प्रदेश में भाजपा की सरकार आयी । तू डाल-डाल तो मैं पात-पात की तर्ज पर उन्होंने कांग्रेस के कार्यकारिणी अध्यक्ष सुनील लारोकर को हटाकर भाजपा से निष्कासित पार्षदों का निलंबन रद्द करते हुए उन्हें भाजपा में शामिल कर नगर पंचायत में भाजपा से दो बार की पार्षद रहीं श्रीमती सीमा सिन्हा को नगर पंचायत का कार्यकारिणी अध्यक्ष बनाकर उन्हें नगर की सत्ता सौंप दी ।

पांच साल का कार्यकाल दोनों ही दलों का विवादों से नाता रहा, नगर के विकास को अनदेखी कर केवल आपसी वर्चस्व की लड़ाई हो गयी । परिणाम वार्डों में मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, नाली, पेयजल, से पांच साल तक छुरिया की जनता को भटकना पड़ा । अब पहले की भांति नगर पंचायत का चुनाव होना है । छुरिया नगर पंचायत का इस बार सीट सामान्य वर्ग से है । वार्डों में दोनों ही दलों से प्रत्याशियों की तलाश शुरू हो गयी है और भाजपा और कांग्रेस में बैठकों का दौर प्रारंभ हो गया है । फिलहाल नगर पंचायत के चुनाव में निर्वाचन आयोग द्वारा तिथि की घोषणा नहीं की गई है ।

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