जगदलपुर. सुकमा पुलिस के पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर एक जनमिलिशिया कमांडर ने सरेंडर किया है. जन मिलिशिया कमांडर का नाम ताती बुधरा है. उस पर एक लाख रुपए का ईनाम था. ताती के खिलाफ कोंटा व भेज्जी थाने में कई अपराध दर्ज हैं. कई बड़ी घटनाओं में वह शामिल रहा है. नक्सल ऑपरेशन कार्यालय में डीएसपी ऑप्स रजत नाग और डीएसपी डीआरजी संजय सिंह के समक्ष ताती ने आत्म समर्पण किया. अधिकारियों ने बताया कि जन मिलिशिया कमांडर के आत्म समर्पण में सीआरपीएफ डीआईजी के अधीन रेंज फील्ड टीम का विशेष प्रयास रहा.
बाहरी नक्सली करते हैं भेदभाव
पुलिस की पूछताछ में जन मिलिशिया कमांडर ताती बुधरा ने बताया कि बाहरी नक्सलियों द्वारा स्थानीय के साथ भेदभाव किया जाता है. सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए भी स्थानीय नक्सलियों को आगे किया जाता है. अब पुलिस और प्रशासन द्वारा जो नए कैम्प स्थापित किए जा रहे हैं, उसमें काफी सुविधाएं हैं. आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए काम किया जा रहा है. पूना नर्कोम अभियान के तहत पुनर्वास के लिए काम किया जा रहा है. इससे प्रभावित होकर आत्म समर्पण का निर्णय लिया है.
समर्पण पर 10 लाख और मिलेंगे
राज्य सरकार ने नई नक्सल उन्मूलन नीति को मंजूरी दे दी है. सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई. इसके अंतर्गत नक्सलियों द्वारा घर के कमाने वाले प्रमुख व्यक्ति की हत्या करने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नौकरी दी जाएगी. नक्सल पीड़ितों को खेती की जमीन खरीदने के लिए 20 लाख अतिरिक्त देने का निर्णय लिया गया है. सक्रिय 5 लाख या अधिक के इनामी नक्सली को आत्मसमर्पण पर 10 लाख की राशि अलग से देने का फैसला लिया गया है.