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जब SSP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीड़ित को भी आरोपी बनाने का दे दिया निर्देश, जानिए क्या है मामला..?
PIDIT

दुर्ग। पुलिस ने यहां एक ऐसे गिरोह को पकड़ा ,है जो कर्मचारियों को झांसे में लेकर उनके नाम पर महंगी गाड़ियां और अन्य सामान फाइनेंस करवाकर उनकी बिक्री कर देता था। इस मामले में पुलिस ने 10 कार, बुलेट और अन्य सामग्रियां जब्त की हैं। इस प्रकरण के खुलासे की PC के दौरान SSP अभिषेक पल्लव ने जब एक पीड़ित से मीडिया के सामने जानकारी लेनी शुरू की, और जो बातें सामने आयीं उसके बाद उन्होंने भड़कते हुए पीड़ित को भी मामले में आरोपी बनाने का निर्देश दे दिया।

SSP अभिषेक पल्लव ने बताया कि खुर्सीपार थाने की पुलिस ने ऐसे अंतर्राज्यीय गिरोह को पकड़ा है जो भोले-भले लोगों को झांसे में लेकर उनके दस्तावेजों के आधार पर गाड़ियां फाइनेंस करवाता और उसे बेचकर पैसे हजम कर जाता था। दुर्ग में आयोजित कॉन्फ्रेंस में SSP ने यह खुलासा करते हुए 3 आरोपियों को पेश किया।

महंगी गाड़ियों की हुई जब्ती

SSP अभिषेक पल्लव ने बताया कि 10 लक्जरी कारें, एक बुलेट,एक वाशिंग मशीन और 2 मोबाइल सहित 3 करोड़ के सामान की जब्ती की गई है। कारों में BMW, स्कोडा, क्रेटा, हौंडा सिटी, आई 20 अदि महँगी गाड़ियां शामिल हैं।

इस तरह करते थे ठगी

प्रार्थी हेमंत कुमार निवासी केएलसी जोन 02 खुर्सीपार का थाना हाजिर आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि नवम्बर 2022 में उसका परिचय खुर्सीपार जोन 02 निवासी शिवा उर्फ शिवकुमार के माध्यम से श्रीनिवास एवं योगेश सोनवानी से हुआ। हेमंत को अपनी पुत्री की शादी करने के लिए रुपयों की जरुरत होने पर शिवा उर्फ शिव कुमार से 20,000 रूपये की मदद मांगी। इसके बाद शिवा उर्फ शिवकुमार, श्रीनिवास आये और उसके घर केएलसी जोन 02 खुर्सीपार से टाटीबंध रायपुर ले गये। वहां पर योगेश सोनवानी से मिलाये और तीनों उसे बुलेट शो रूम टाटीबंध रायपुर लेकर गये। यहां हेमंत का आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक और भारतीय स्टेट बैंक का 03 नग चेकबुक जिसमे प्रार्थी का हस्ताक्षर करवाये सभी दस्तावेज दने के बाद प्रार्थी के नाम से एक बुलेट फायनेंस करवाये और हेमंत कुमार को बोले इसको बेचते है। उसका जो पैसा बनेगा आपको भी देंगे।

फायनेस में लिए गये बुलेट को शिवा उर्फ शिव कुमार, श्रीनिवास एवं योगेश सोनवानी ने रख लिया और कुछ दिनो बाद शिवा उफ शिवकुमार श्रीनिवास रायपुर मोवा लेकर गये रायपुर में योगेश सोनवानी से मिले और योगेश सोनवानी प्रार्थी हेमंत को बोले की तुम्हारे नाम से महेन्द्र एक्स यूवी 300 खरीदते हैं, और उसका जो किस्त बनेगा उसे हम लोग भरेंगे, डाउन पेमेन्ट हम ही लोग देंगे और उस गाड़ी को किराये में चलायेगे और उसका जो भी फायदा होगा वह उसको भी देगा। प्रार्थी को लालच देने से वह उसके झांसे में आ गया क्योकि उसे अपनी पुत्री का विवाह हेतु पैसो की आवश्यता जरुरत थी। फिर वे उसे महिन्द्रा शो रूम मोवा रायपुर लेकर गये फिर आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक एवं भारतीय स्टेट बैंक का 03 नग चेकबुक प्रार्थी से हस्ताक्षर करवाये सभी दस्तावेज देने के बाद प्रार्थी के नाम से महिन्द्रा एक्सयूवी 300 को फाइनेंस में ले लिए। इसके बाद हेमंत को इन लोगों ने 20 हजार रूपये दिए।

फाइनेंस गिरोह के जाल में फंसा हेमंत

बता दें कि हेमंत कुमार रेल विभाग में लोको पायलट है, और उसकी अच्छी तनख्वाह है। शिव कुमार, श्रीनिवास एवं योगेश सोनवानी ने उससे बुलेट, कार और वाशिंग मशीन फाइनेंस करवा ली। इन्होने हर बार उसे इस बात का झांसा दिया कि लोन की रकम वे खुद पटायेंगे, मगर जब कुछ महिने बाद बैंक वाले किस्त नही पटाने से हेमंत कुमार के घर खुर्सीपार आकर किस्त मांगने के लिए पहुंचने लगे तब हेमंत घबरा गया और थाने में आकर आपबीती बताने लगा। जिसके बाद मामले में अपराध दर्ज कर आरोपियों को पकड़ने के लिए थाना प्रभारी वीरेन्द्र श्रीवास्तव सहित 3 अधिकारियों की टीम गठित की गई। इस दौरान तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में तीनों ने बताया कि हेमंत कुमार को उसकी लड़की की शादी के लिए पैसो की जरुरत होने पर उसके नाम से बुलेट, कार, वाशिंग मशीन एवं 02 नग मोबाईल को फाइनेंस कर दूसरे को बेच दिये।

एक ही सैलरी स्लिप से कई सामान का फाइनेंस

जाँच के दौरान अधिकारियों ने देखा कि हेमंत की एक ही सैलरी स्लिप से इन्होंने कई सामन फाइनेंस करवा लिए, जो कि नियमानुसार गलत है। पुलिस को आशंका है कि इस धोखाधड़ी में संबंधित फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है।

पीड़ित को लगाई फटकार

इस मौके पर जब SSP अभिषेक पल्लव ने मीडिया के सामने ही पीड़ित हेमंत से पूछताछ किया तो उसने बता दिया कि उसने हर बार अपने हाथों से आरोपियों को अपने दस्तावेज दिए और फिर फाइनेंस के बाद उसे रूपये भी मिले। यह सुनकर SSP भड़क गए और हेमंत कुमार को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने पाया कि फाइनेंस कराने में में पीड़ित हेमंत की भी बड़ी भूमिका है। यह जानकर उन्होंने नाराजगी जताई और हेमंत के खिलाफ भी FIR दर्ज करने का निर्देश दे दिया। उन्होंने कहा कि असली मास्टरमाइंड तो यही नजर आ रहा है। हेमंत ने बताया कि उसके नाम पर फाइनेंस ले लेने के चलते अब उसके किश्तों की रकम कटकर बमुश्किल 20 हजार रूपये वेतन उसे मिलते हैं।

दूसरे राज्यों में बेच देते थे गाड़ियां

पुलिस ने इसके अलावा 1. एक केटा हुन्डई कंपनी का डेंटिंग हुआ 2 एक लाल रंग का आई – 20 हुन्डई कंपनी का 3. एक सफेद रंग का स्कोडा कार 4. एक बीएमडब्लू 5. एक स्कोडा कंपनी का सिल्वर कलर की कार 6. एक सफेद रंग की क्रेटा 7. एक क्रेटा काले रंग का 8. एक क्रेटा महरून रंग का 9. एक होण्डा सिटी कार को जब्त किया जिन्हे मॉडिफाई कर अन्य प्रांत केरल, कर्नाटक, गोवा अरूणाचल प्रदेश, आन्ध्रा प्रदेश, उडीसा, मध्य प्रदेश मे ले जाकर बेच दिया गया था। ताकि गाडी अन्य प्रांत में बेचने से फाइनेंस कराने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

पकडे गए आरोपियों में 1. शिवा उर्फ शिव कुमार पिता तंगशात वरि उम्र 42 वर्ष निवासी एवन्यू डी जोन 02 खुर्सीपार 2 पी० श्रीनिवास पिता स्व० पी० अप्पा स्वामी उम्र 44 वर्ष निवासी गुरूघासीदास विश्वबैंक कालोनी भिलाई -03 3 योगेश सोनवानी पिता कोमेश्वर सोनवानी उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम उल्बा थाना अभनपुर रायपुर शामिल हैं, जिनसे जुमला कीमती 03 करोड़ रुपये के सामान जब्त किये गए। इनके द्वारा और भी वाहन फायनेंस कराने का अंदेशा ह, जिसके बारे में इनसे पूछताछ की जा रही है।

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