जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज सातवें अंतरसरकारी परामर्श और जर्मन बिजनेस के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके 2024) में भाग लेने के लिए गुरुवार को भारत पहुंच गए। दिल्ली पहुंचने पर जर्मन चांसलर का स्वागत केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर पोस्ट करके दी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि जर्मनी के ओलाफ स्कोल्ज सातवें अंतरसरकारी परामर्श और जर्मन बिजनेस के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके 2024) के लिए नई दिल्ली पहुंचे। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा औपचारिक स्वागत किया गया।
स्कोल्ज ने फरवरी 2023 में द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए और सितंबर 2023 में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पिछले साल दो बार भारत का दौरा किया था। वहीं, अब भारत में 24-26 अक्टूबर की यात्रा के दौरान उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री उनके साथ रहेंगे और गोवा भी जाएंगे।
शुक्रवार को जर्मन चांसलर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे, जिसके बाद दोनों नेता जर्मन बिजनेस के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके 2024) का उद्घाटन करेंगे और वहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे, इस कार्यक्रम जर्मनी, भारत और अन्य देशों के नेता और सीईओ लगभग 650 बड़े बिजनेसमैन की भागीदारी होगी। ।
जर्मनी और इंडो-पैसिफिक देशों के व्यापारिक नेताओं, अधिकारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों के लिए द्विवार्षिक कार्यक्रम से हमारे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
साथ ही पीएम मोदी और जर्मनी के चांसलर हैदराबाद हाउस में अंतर-सरकारी परामर्श और दोनों देशों के बीच समझौतों से जुड़े कार्यक्रम के लिए पहुंचेंगे। आईजीसी परामर्श के लिए चांसलर स्कोल्ज के साथ उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री भी होंगे।
आईजीसी एक संपूर्ण सरकारी ढांचा है जिसके तहत दोनों पक्षों के मंत्री अपनी-अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्रों में चर्चा करते हैं। दोनों नेता सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाने, प्रतिभा की गतिशीलता के लिए अधिक अवसर, गहन आर्थिक सहयोग, हरित और सतत विकास साझेदारी और उभरती और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग पर विचार-विमर्श करने के लिए बातचीत करेंगे।
इसके बाद जर्मन चांसलर 26 अक्टूबर को गोवा के लिए रवाना होंगे, जहां जर्मन नौसेना का फ्रिगेट बैडेन-वुर्टेमबर्ग और लड़ाकू सहायता जहाज फ्रैंकफर्ट एम मेन जर्मनी की इंडो-पैसिफिक तैनाती के हिस्से के रूप में एक निर्धारित बंदरगाह पर रुकेंगे। चांसलर का प्रस्थान दिन में बाद में होगा, जो भारत की उनकी यात्रा का समापन करेगा।
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