इस बदलते मौसम में अस्थमा यानि दमा के मरीज को काफी तकलीफ होती हैं साथ ही उन्हें डाइट और लाइफस्टाइल का बहुत ख्याल रखना पड़ता है। जरा सी लापरवाही से मरीज की जान मुश्किल में आ जाती है। आजकल बहुत लोग अस्थमा की बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं। बढ़ता प्रदूषण, अचानक से बदलता मौसम और कमजोर इम्यूनिटी इसकी वजह बन रहे हैं।
हालांकि अपने स्वास्थ्य के हिसाब से भोजन लिया जाए तो इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। दमा के मरीजों को खानपान में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जो फायदा करती हैं वहीं कुछ चीजों को लेकर सतर्क रहने की भी जरूरत है। आज इस लेख में जानेंगे अस्थमा के मरीज को कैसी डाइट लेनी चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
अस्थमा के मरीज को इन खाद्य पदार्थ से रहना चाहिए दूर
पैकेटबंद फूड- पैकेटबंद फूड को प्रिजर्व करने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। ये फूड दमा के मरीजों के लिए दुश्मन की तरह है। वहीं जिस फूड आइटम में पोटैशियम बायसल्फेट, सोडियम सल्फेट, पोटैशियम मेटाबायसल्फेट आदि का इस्तेमाल किया जाता है, उन चीजों से भी दूरी बना लेनी चाहिए।
शराब और अचार- अचार और शराब को प्रिजर्व करके रखा जाता है। इसमें सोडियम सल्फेट की मात्रा बढ़ जाती है। ये दोनों चीजें अस्थमा के लक्षण को कई गुना बढ़ा देती है। परिरक्षक के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले सल्फाइट शराब, सूखे मेवे, अचार, ताजे और जमे हुए झींगा और कुछ अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन दमा के मरीजों के लिए दुश्मन की तरह काम करता है।
कॉफी- कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। ऐसे दमा के मरीजों को कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन एसिड रिफलेक्स को बढ़ा देती है। वहीं दमा के कुछ मरीजों में कॉफी का सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग हो सकता है।
मूंगफली- दमा के मरीजों को मूंगफली भी नहीं खाना चाहिए. इससे एलर्जी हो सकती है. हालांकि दमा के सभी मरीजों में ऐसा हो, जरूरी नहीं। वहीं कुछ मरीजों में अंडा भी नुकसान पहुंचा सकता है।
सोया- सोया और सोया से बने फूड आइटम भी दमा के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर जिस सोया को फ्रीज में रखा जाता है। वहीं फ्रीज में रखी चीजों को भी तुरंत खाने से दमा के मरीजों को परहेज करना चाहिए।
अस्थमा के मरीज के लिए फायदेमंद खाद्य पदार्थ
दालें- दाल खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इससे शरीर को भरपूर प्रोटीन मिलता है। अस्थमा के मरीज मूंग दाल, सोयाबीन, काला चना और अन्य दालें खा सकते हैं. दाल खाने से फेफड़े मजबूत बनते हैं। दमा के मरीज को रोज 1 कटोरी दाल जरूर खानी चाहिए।
हरी सब्जियां- अस्थमा होने पर हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। हरी सब्जियां खाने से फेफड़ों में कफ जमा नहीं होता और शरीर को सभी विटामिन मिल पाते हैं। इससे अस्थमा अटैक आने का खतरा कम होता है। हरी सब्जियां आंत और फेफड़ों के लिए भी अच्छी होती हैं।
विटामिन C – अस्थमा के मरीज को खाने में विटामिन सी से भरपूर चीजें शामिल करनी चाहिए। इससे भरपूर एंटी ऑक्सिडेंट मिलते है, जो फेफड़ों को सुरक्षित बनाते हैं। विटामिन सी खाने से अस्थमा अटैक का खतरा कम होता है।
शहद दालचीनी- दमा के मरीज को शहद और दालचीनी का सेवन करना चाहिए। इससे फायदा मिलता है। रोज रात में सोते वक्त 2-3 चुटकी दालचीनी में शहद मिलाकर खाने से फेफड़ों में आराम मिलता है।
तुलसी- अस्थमा के मरीज को तुलसी का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर को एंटी ऑक्सीडेंट मिलते हैं। रोज चाय में तुलसी के पत्ते डालकर पीने से दमा के मरीज को फायदा पहुंचता है। तुलसी खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इससे सीजनल बीमारियों का खतरा कम होता है।