केंद्र सरकार ने कर्नाटक हाई कोर्ट को सूचित किया है कि एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ होने के कारण ट्विटर की अतिरिक्त जिम्मेदारी है और यह उसका कर्तव्य है कि वह खाता धारकों का विवरण प्रदान करे।
हाई कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) आर शंकरनारायणन ने खतरनाक ट्वीट का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे ट्वीट भारत की अखंडता, संप्रभुता को प्रभावित करने वाले हैं अथवा उससे सार्वजनिक व्यवस्था बाधित होती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे ट्वीट के खिलाफ स्वाभाविक रूप से सरकार कदम उठाएगी और या तो ऐसे ट्वीट को हटाने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा अथवा संबंधित खाते (अकाउंट) को ब्लाक करने के लिए कहा जाएगा। एएसजी ने कहा कि कोई कश्मीर के बारे में पाकिस्तान सरकार के काल्पनिक नाम से एक ट्वीट करता है,’कोई कहता है प्रभाकरन (लिट्टे नेता) एक नायक है और वह वापस आ रहा है। यह सब इतना खतरनाक है कि यह हिंसा भड़काने वाला है।’
इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ट्वीट हटाने संबंधी जारी किए गए आदेशों के खिलाफ ट्विटर ने जून 2022 में कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ट्विटर का दावा है कि सरकार को उन ट्विटर हैंडल के मालिकों को नोटिस जारी करने की आवश्यकता है जिनके अकाउंट ब्लॅाक किए गए हैं।
ट्विटर ने यह भी दावा किया है कि सरकार ने उसे उन खाता धारकों को सूचित करने से भी रोका है जिनके खातों को ब्लाक करने का आदेश दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
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