टीआरपी डेस्क। दिसंबर 2022 की बिक्री विंडो में 232,10 करोड़ रुपए के चुनाव बॉन्ड बेचे गए। जिनमें से लगभग आधे एसबीआई की मुंबई शाखा में बेचे गए और उनमें से 82 फीसदी को नई दिल्ली शाखा में भुनाया गया। यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत हुआ है।
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में एसबीआई ने बिक्री की 24वीं किस्त, जो 5 दिसंबर से 12 दिसंबर 2022 तक संपन्न हुई थी, का डेटा प्रदान किया। इसमें 260 चुनावी बॉन्ड की कुल बिक्री में से 114 करोड़ रुपये के बॉन्ड अकेले मुंबई में बेचे गए थे। वहीं हैदराबाद और चेन्नई की शाखाओं में क्रमश: 56 करोड़ रुपये और 30 करोड़ रुपये की बॉन्ड बिक्री हुई। नई दिल्ली और कोलकाता की शाखाओं की बिक्री क्रमश: 16.10 करोड़ रुपये और 16 करोड़ रुपये रही।
वहीं इन चुनावी बॉन्ड में से 194.10 करोड़ रुपये के बॉन्ड एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में भुनाए गए। शेष चुनावी बॉन्ड हैदराबाद (21 करोड़ रुपये) और कोलकाता (17 करोड़ रुपये) में भुनाए गए।
आरटीआई के जवाब में एसबीआई ने कहा कि 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत से लेकर 24वीं किस्त तक 11,699.83 करोड़ रुपये के कुल 20,734 चुनावी बॉन्ड बेचे हैं।
सबसे ज्यादा बॉन्ड मुंबई में बिके हैं। अब तक यहां 3163.57 करोड़ रुपये के बॉन्ड बिके हैं। इसके बाद कोलकाता (2,408.71 करोड़ रुपये), हैदराबाद (2,030.35 करोड़ रुपये) और नई दिल्ली (1,760.94 करोड़ रुपये) का नंबर आता है।
वहीं, जब बात बॉन्ड भुनाने की आती है तो अब तक भुनाए गए कुल बॉन्ड में से 7,603.33 करोड़ रुपये के बॉन्ड नई दिल्ली में भुनाए गए। वहीं एक अन्य आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान एसबीआई द्वारा 11 नवंबर से 15 नवंबर 2022 तक 23वीं किस्त में 676.26 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए थे।
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 7 नवंबर 2022 को ‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के आम चुनावों के वर्ष में’ बॉन्ड की बिक्री के लिए ‘15 दिनों की अतिरिक्त अवधि’ प्रदान करने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना-2018 संशोधन किया था।
इससे पहले इस योजना में जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में 10 दिनों की अवधि के साथ-साथ लोकसभा चुनाव के वर्ष में अतिरिक्त 30 दिनों की बिक्री की अनुमति थी। गुजरात चुनाव से पहले 23वें चरण की बिक्री संशोधित योजना के तहत पहली बिक्री थी।
जानें क्या होता है चुनावी बॉन्ड?
चुनावी बॉन्ड एक वचन पत्र की तरह होता है। इस बांड को भारतीय स्टेट बैंक की किसी भी ब्रांच से भारतीय नागरिक या कंपनी द्वारा खरीदा जा सकता है। ये बांड नागरिक और कंपनी अपनी किसी भी पंसद के राजनीतिक दल को दन कर सकते हैं। बता दें कि ये बांड नोटों के समान ही होता हैं और ब्याज मुक्त होते हैं।
इन बॉन्ड को नागरिक या कंपनी डिजिटल के साथ-साथ चेक के जरिए भी खरीद सकता हैं। जानकारी के लिए बता दें कि चुनावी बॉन्ड को फाइनेंशियल बिल (2017) के साथ पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 29 जनवरी, 2018 को चुनावी बांड योजना को वर्ष 2018 में अधिसूचित किया गया था।
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