संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता और उसकी वीटो पावर को लेकर भारत में एक बड़ा बयान दिया है। भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने दो टूक शब्दों में कहा कि या तो वीटो अधिकारों को समाप्त कर दिया जाना चाहिए या फिर नए सदस्यों को भी अधिकार मिलना चाहिए।
भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने बुधवार को महासभा में कहा, “मतदान के अधिकार को लेकर या तो सभी देशों के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए है या फिर नए स्थायी सदस्यों को भी वीटो दिया जाना चाहिए।”
प्रतीक माथुर ने इस दौरान कहा, “हमारा मानना है कि नए सदस्यों को जोड़ने से परिषद के काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।” ये बात उन्होंने सदस्यता बढ़ाने को लेकर विरोध कर रहे कुछ देशों को ध्यान में रखते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि वीटो का इस्तेमाल करने का विशेष अधिकार केवल पांच देशों के पास है जो कि विश्व युद्ध-2 की मानसिकता को आगे बढ़ाता है।
उन्होंने कहा कि वीटों को लेकर अंतर-सरकारी वार्ताओं (Inter-Governmental Negotiations) में स्पष्ट तरीके से परिषद के सुधार पर जरूरत को लेकर जोर देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से ‘वीटो पहल’ को अपनाए हुए एक साल हो चुका है। भारत की स्थिति हमेशा से ही सुसंगत और स्पष्ट रही है। उन्होंने ये भी कहा कि छोटे देशों के एक छोटे समूह के हेरफेर करने से IGN में सही तरीके से विकास नहीं हो पाया है।
वीटो का इस्तेमाल करने का विशेष अधिकार वाले पांच देशों में से चार देश ऐसे हैं जो भारत का समर्थन करते हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस देश शामिल हैं। इनमें केवल चीन एक ऐसा देश ही है जो भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर विरोध कर रहा है।
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