नितिन@रायगढ़। बीती शाम रायगढ़ जिले के चार विधानसभाओं के अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद उन्हे जिला प्रशासन ने प्रमाण पत्र देकर चुनाव की अंतिम प्रक्रिया को पूर्ण किया। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की 4 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 3 पर अपना कब्जा जमाने में कामयाब हुई. तो वहीं 1 सीट रायगढ़ पर बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. रायगढ़ विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी ओ पी चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक को करीब 64 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया।
आपको बताना चाहेंगे कि कांग्रेस पार्टी के लिहाज से जिले के तीन बड़े चेहरे और एक नई महिला प्रत्याशी दांव पर लगे थे. जिसमें प्रकाश नायक, उमेश पटेल और लालजीत सिंह राठिया और विद्यावती सिदार अपनी किस्मत आजमा रहे थे। अंततः रायगढ़ जिले की 4 सीटों में से 3 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और रायगढ़ विधानसभा सीट पर बी.जे.पी.अपना परचम लहराने में कामयाब हुई है.साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने जिले की पांचों सीटों पर कब्जा किया था. इस बार पार्टी को 1 सीट का नुकसान हुआ है. जिले की लैलुंगा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ने 4176 वोट से जीत हासिल की है. वहीं खरसिया विधानसभा सीट से भी कांग्रेस प्रत्याशी उमेश पटेल ने बीजेपी प्रत्याशी महेश साहु को 21656 वोट से हराया है.इधर धरमजयगढ़ सीट में जहां मुकाबला कांटे का रहा वहां अंत में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी लालजीत राठिया 9637 वोट से जीत हासिल की.जिले की एक मात्र सीट रायगढ़ विधानसभा पर बीजेपी प्रत्याशी ने कांग्रेस प्रत्याशी को 64443 वोट से हराया। इसे प्रदेश सबसे बड़ी जीत हासिल की.भाजपा प्रत्याशी ओ पी चौधरी की इस जीत को जिले की सबसे बड़ी और प्रदेश की दूसरी बड़ी जीत के नाम से जाना जा रहा है। इसे लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा गया।
इधर चुनावी विशेषज्ञों की माने तो उनके अनुसार जिले में हुई अब तक की सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत 83.97 फीसदी वोटिंग रायगढ़ विधान सभा से भाजपा की ऐतिहासिक जीत का बड़ा कारण रही। हालाकि तीन सीटों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके रायगढ़ जिले में चुनाव को लेकर लोगों मेंअच्छा खासा उत्साह देखने को मिला.जिले की चारों विधानसभा सीटो पर इस बार भारी मतदान हुआ था. जिले में कुल 83.97 फीसदी वोटिंग हुई थी। बहरहाल देर शाम जिले के चारों निर्वाचित विधायकों ने अपना_ अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया। इसके साथ ही अपने अपने विधान सभा वापस चले गए।