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जेल में फर्जी तरीके से भर्ती हुए 50 कर्मचारी सस्पेंड, ऐसे हुआ खुलासा

जेल में फर्जी तरीके से भर्ती हुए 50 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इनमें 30 वार्डर, 9 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और दो अन्य कर्मचारी शामिल हैं. इन सभी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 30 नवंबर को एक महीने का नोटिस देकर निलंबित कर दिया गया है.

दरअसल, तिहाड़ जेल के अधिकारियों के मुताबिक ये भर्तियां साल 2020 में दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSB) द्वारा हुई थीं. ये भर्तियां बॉयोमेट्रिक तरीके से हुई थीं. वहीं जब DSSB ने बाद में वेरिफिकेशन किया तो 50 कर्मचारियों के बॉयोमेट्रिक और फोटो मैच नहीं हुए. इसके बाद विभाग में हड़कंप मचा गया था.

डीएसएसबी ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन ड्राइव चलाया था. ये ड्राइव नवंबर के आखिरी हफ्ते में चलाया गया था. 2019 से अब तक DSSSB के एग्जाम के जरिए तिहाड़ जेल में वार्डर और असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट रैंक के पद की जितनी नई भर्तियां हुई, उन सभी के बायोमेट्रिक सैम्पल को जेल में मौजूद कर्मचारियों के सैंपल से मिलाया गया.

जांच में डीएसएसबी के पास मौजूद डाटा से मैच नहीं हुआ. इससे ये आशंका पैदा हो गई है कि जेल में काम कर रहे स्टाफ और उनके नाम पर परीक्षा देने वाले लोग कहीं अलग-अलग तो नहीं थे. एक्शन के तौर पर उन सभी कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई थी और इन्हें जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया था. DSSSB की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद अब फर्जी तरीके से तिहाड़ जेल में अलग-अलग पदों पर भर्ती हुए कर्माचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. बता दें कि नियुक्ति की प्रक्रिया के दौरान DSSSB सभी परीक्षार्थियों के डाटा को लेता है और सुरक्षित रखता है.

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