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ज्योतिरादित्य को भू माफिया बताने वाले झा ने कभी माल्या को बोतल लौटाईं थी

नेशन अलर्ट / 9770656789

भोपाल. उन्होंने कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भू माफिया बताया था. कभी उन्होंने विजय माल्या द्वारा भेजी गईं शराब की बोतलें यह कहते हुए लौटा दी थी कि किताबें भेजी होती तो अच्छा होता. . . ऐसे थे हमारी पत्रकारिता बिरादरी के प्रभात झा. उनके निधन से राजनीति के साथ साथ पत्रकारिता जगत भी शोकाकुल है.

उनका जन्म बिहार में हुआ था. मध्यप्रदेश की राजनीति में उन्होंने एक मुकाम हासिल किया था. महल विरोधी राजनीति कर ग्वालियर-चंबल संभाग के वह एक जगमगाते सितारे थे.

प्रभात झा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ खूब राजनीतिक लडा़ईयाँ लडी़ थी. सिंधिया पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप प्रभात झा ने ही लगाया था.

सिंधिया के भाजपा प्रवेश के बाद भी काफी समय तक दोनों दूर दूर ही रहे. जब प्रभात झा से मिलने के लिए ज्योतिरादित्य उनके घर खुद चल कर गए तब रिश्तों में जमी बर्फ पिघली थी.

दरअसल, ग्वालियर में रहते हुए उन्होंने सिंधिया विरोधी चेहरे की छवि बना ली थी.
झा ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी. उन्हें राजनीति में लाने में भाजपा के बड़े नेता रहे भाऊ साहब पोतनीश का नाम हमेशा से लिया जाता है.

भाऊ साहब का संघ और संगठन में बड़ा दबदबा था. इसका लाभ झा को मिलने लगा था क्यूं कि वह छोटे कार्यकर्ता होने के बावजूद बड़े कार्य किया करते थे. उन्हें राजमाता सिंधिया का करीबी माना जाता था.

वरिष्ठ पत्रकार सत्य प्रकाश शर्मा ने बताते हैं कि प्रभात झा एक अच्छे वक्ता और दूरगामी सोच के नेता थे. कांग्रेस के साथ साथ वह सिंधिया परिवार के जितने करीबी थे उतने ही दूर भी थे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आरएसएस ) में अच्छी पकड़ रखने वाले प्रभात के दो सुपुत्र हैं. झा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं 62 साल उम्र में राजनीति से संन्यास ले लूंगा. . . और देखिए न महज 67 साल की उम्र में ही उन्होंने जिंदगी से ही संन्यास ले लिया.

इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वे एक एकड़ जमीन खरीदेंगे और बच्चों के लिए स्कूल चलाएंगे. वे 5 गाय और भैंस भी पालेंगे.

अक्टूबर 2009 में शराब कारोबारी विजय माल्या ने तोहफे में महंगी और विलायती शराब की बोतल भेजी थी. इस पर झा ने उनको लौटाने के साथ ही एक पत्र लिखा था.

उन्होंने पत्र में लिखा कि मेरा न तो आपसे परिचय है और न ही मेरे आपसे अंतरंग संबंध हैं. मैं शराब का शौकीन भी नहीं हूं. आपने शराब की जगह किताब भेजी होती तो अच्छा होता . . . बहरहाल, पुराने पत्रकार प्रभात झा को नेशन अलर्ट प्रणाम करता है.

http://www.nationalert.in/?p=12490