बिपत सारथी@गौरेला पेंड्रा मरवाही। जिले में बेखौफ झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर इलाज करने का कारोबार इन दिनों ज्यादा फलफूल रहा है,और ग्रामीण लोगों के लिए यह डॉक्टर यमराज बनकर भोले भाले लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
दरअसल एक महीने पहले गौरेला के ठेंगाडांड गांव में झोला छाप डॉक्टर की लापरवाही पूर्वक गलत इंजेक्शन लगाने और इलाज करने से 5 वर्षीय एक मासूम बालक की मौत हो गई थी। बच्चे को 2 दिन से मामूली बुखार था, झोलाछाप डॉक्टर ने बच्चे की नस में कोई दवा चढ़ाई और पल भर में मासूम की मौत हो गई। इस मामले की शिकायत पीड़ित परिजन मंगल सिंह नें प्रशासन से किया है। शिकायत में 5 साल के मासूम अंकुश की 23 अक्टूबर की रात लगभग 2:30 बजे हल्का बुखार आया तो उसके माता-पिता उसे सुबह गांव में ही निवास करने वाले झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौड़ जो खोडरी गांव में अपनी निजी क्लीनिक खोलकर इलाज कर रहा है, उसके पास लेकर गए। बिना कुछ जांच पड़ताल एवं प्रशिक्षण किए बगैर झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौड़ ने बच्चों के नस में इंजेक्शन लगा दिए। जिससे मासूम बच्चे अंकुश की तबीयत बिगड़ने लगी और जब बच्चा शांत हो गया। तो चिकित्सक झोलाछाप डॉक्टर ने मृत बच्चे को लेकर उसके परिवार के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेंड्रारोड में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पास स्वयं लेकर आया। मगर चिकित्सक ने यहां उसे मृत बताते हुए ले जाने को कहा और झोलाछाप डॉक्टर वापस मृत मासूम बच्चे के शव को वापस पीड़ित माता-पिता के घर लाकर छोड़ दिया और कहने लगा कि इसकी कहीं भी शिकायत करोगे तो पोस्टमार्टम करना पड़ेगा।
यह कहते हुए उन्हें 10,000 रूपये देकर मामला रफा दफा कर शांत रहने को कहा। वहीं पूरे मामले में परिजनों की शिकायत के बाद जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नागेश्वर राव ने मामले में संज्ञान के बाद नोडल अधिकारी से जांच कार्यवाही की बात की है। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा झोलाछाप डॉक्टर द्वारा ले गए मृत बच्चे के शव को परीक्षण के बाद वापस बिना पुलिस सूचना के भेजने के बाद जानकारी एवं जांच के बाद उचित कार्रवाई करने की बात की है…