नई दिल्ली। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट मामले में लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने सभी आठ आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा का ऐलान कर दिया। एनआईए ने इस मामले में आईएसआईएस से जुड़े आठ लोगों को आरोपी बनाया था। इन सभी को ब्लास्ट का दोषी पाया गया। कोर्ट ने 7 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 7 मार्च 2017 की सुबह हुए इस हादसे में 7 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।
एनआईए कोर्ट ने आईएसआईएस आतंकी मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, अतीक मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद सैय्यद मीर हुसैन और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं मोहम्मद आतिफ उर्फ आसिफ ईरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीएस त्रिपाठी ने कहा कि यह मामला दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में आता है।
बता दें कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को 24 फरवरी को दोषी ठहराया था। सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 121, 121ए, 122, 123, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17, 18, 18ए, 18बी, 23, 38 और शस्त्र अधिनियम की 3/25/35 के तहत दोषी पाया गया। बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि वे पहले ही पांच साल से अधिक समय से जेल में हैं और अदालत को उन्हें सजा देने में नरमी दिखानी चाहिए। कोर्ट ने दोषियों की दलील को खारिज करते हुए कहा कि दोषियों ने देश के खिलाफ जुर्म किया है और इसलिए वे किसी भी तरह की नरमी के हकदार नहीं हैं।
हाईकोर्ट भेजी गई फाइल
एनआईए कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा सुनाने के बाद इस मामले की फाइल इलाहाबाद हाईकोर्ट को भेज दी है। बता दें कि यह कानून है कि किसी भी दोषी को फांसी की सजा हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही दी जा सकती है। विशेष सरकारी वकील एम के सिंह और के के शर्मा के अनुसार, इस मामले में 8 मार्च, 2017 को लखनऊ के एटीएस पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एटीएस को सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सदस्य विभिन्न स्थानों पर विस्फोट करने की योजना बना रहे हैं। एटीएस की कानपुर इकाई ने पहले मोहम्मद फैसल को गिरफ्तार किया और बाद में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने कानपुर-उन्नाव रेलवे ट्रैक पर बम रखा था। उन्होंने दशहरे के दौरान अलग-अलग जगहों पर बम भी रखे थे।