श्रीनगर। एक जनवरी को जम्मू-कश्मीर के डांगरी गांव में अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए आतंकवादी हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी और 14 अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादी हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने बताया कि गांव पर हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान आज नौवें दिन भी जारी रहा।
आतंकियों की जानकारी देने पर मिलेंगे 10 लाख रुपये
अधिकारियों ने कहा कि हमले के बाद, प्रशासन ने संभावित घुसपैठ मार्गों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों और सीमा ग्रिड वाले ग्राम रक्षा प्रहरियों के तंत्र को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न स्थानों पर पुलिस पोस्टर भी लगे हैं, जिसमें आतंकवादियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।
अधिकारियों ने कहा कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा दो दर्जन से अधिक गांवों में एक संयुक्त घेरा और तलाशी अभियान जारी है, जहां हमले से पहले आतंकवादियों की मौजूदगी की खबरें थीं। उन्होंने कहा कि राजौरी के बाहर से आई जम्मू कश्मीर पुलिस की विशेष अभियान टीमों को भी निर्धारित स्थानों पर तैनात किया गया है।
राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहम्मद असलम ने बताया कि डांगरी हमले में शामिल आतंकवादियों पर काबू पाने के लिए बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहा है। कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और हम दोषियों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ सीआरपीएफ के अतिरिक्त जवानों को संवेदनशील इलाकों में निगरानी मजबूत करने के लिए तैनात किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा अभियान के दौरान अब तक 50 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और आतंकवादियों के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने कहा कि संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और यह लगभग स्पष्ट था कि हमले को अंजाम देने से पहले आतंकवादी कस्बे में मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठ के लिए कुख्यात रास्तों पर कड़ी नजर रखने के लिए नियंत्रण रेखा के पास कड़ी सुरक्षा के तहत पुलिस ने सीमा चौकियों पर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है।