कोरबा। जिला मुख्यालय स्थित गोकुल नगर में एक दुग्ध व्यवसायी के यहां रेडी टू ईट खपाने के मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के DPO ने कुल 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है। इनमें रेडी टू ईट वितरण से जुड़े लोगों के अलावा इसकी खरीदी करने वाली महिला भी शामिल है।
महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्यालय कोरबा कलेक्ट्रेट परिसर में ही संचालित है, और यहां से चंद किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है गोकुल नगर, जहां दुग्ध व्यवसायियों को पशुपालन के लिए बसाया गया है। बीते 5 अक्टूबर की शाम रामपुर चौकी पुलिस ने एक सूचना के आधार पर यहां दबिश दी और पिकअप वाहन से बच्चों का पोषक आहार रेडी टू ईट एक मकान में उतारते हुए पकड़ा। इस दौरान वाहन का चालक भाग खड़ा हुआ, वहीं पूछताछ से पता चला कि रेडी टू ईट से भरी बोरियां किसी सरस्वती देवी नामक महिला के यहां उतारी जा रही थी। पुलिस को उसके मकान में 28 बोरे रेडी-टू-ईट से भरे हुए मिले, वहीं पिकअप में शेष बोरे रखे हुए थे। पुलिस ने रेडी टू ईट और वाहन की जब्ती बनाकर मामले की जांच के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के DPO MD नायक को भेज कर जांच प्रतिवेदन मांगा।
गौरतलब है कि सरकार ने रेडी टू ईट के निर्माण और वितरण की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ राज्य कृषि एवं बीज विकास निगम को दे रखी है। वहीं बीज निगम द्वारा अपनी सहयोगी फर्म एग्रो फूड कार्पोरेशन के माध्यम से यह काम कराया जा रहा है। बीज निगम द्वारा अधिकृत कर्मी ही प्रदेश के सभी जिलों में रेडी टू ईट फूड पहुंचा रहे हैं। कोरबा में रेडी टू ईट फूड की अफरातफरी के मामले की जांच के दौरान इन्हीं कर्मियों की प्रमुख भूमिका सामने आयी है।
जांच में खुलासा हुआ कि ग्रामीण अंचल के आंगनबाड़ी केंद्रों में बंटने वाला रेडी-टू-ईट फूड कुदमुरा सेक्टर में पहुंचाने की बजाय खरमोरा के गोकुल नगर में बेच दिया गया। जांच अधिकारी को कुदमुरा सेक्टर की सुपरवाईजर हरा राठौर ने बताया कि कुदमुरा सेक्टर में सितंबर 2022 के लिए 2625 पैकेट (लगभग 170 बोरी) दलिया की मांग की गई थी, मगर 12 अक्टूबर तक प्रदाय नहीं किया गया। पुलिस द्वारा जप्त दलिया कुल 170 बोरी ही है, जिसे कुदमुरा सेक्टर के लिए वितरण हेतु 170 बोरी रेडी टू ईट फूड को जिल्गा के गोदाम से 5 अक्टूबर को पिकअप में लोड किया गया मगर कुदमुरा सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्रों में न पहुंचाकर लालाराम राठिया व गोविंद साव उसे गोकुल नगर के खटाल में खपाने के लिए पहुंच गए।
उधर लेमरू सेक्टर की पर्यवेक्षक कौशल्या प्रधान ने बताया कि सितंबर माह के लिए सेक्टर में 2467 पैकेट कम प्रदाय किया गया था। इससे यह स्पष्ट हुआ कि पूर्व के महीने में भी रेडी टू ईट फूड की अफरा-तफरी की गई है।
रेडी टू ईट फूड लेकर निकले कर्मचारियों ने गोकुल नगर की सरस्वती देवी के घर 26 बोरी (18 किलो प्रति बोरी, कुल 468 किलो) पोषक आहार बेच दिया। अपने बयान में सरस्वती ने कहा कि उसे पता चला कि मोहल्ले में कोई गाय को खिलाने वाला दाना बेचने आया है। रेट पूछने पर गाड़ी वाले ने कीमत 250 रुपए प्रति बोरी बताया, जो उसे सस्ता लगा। इसलिए उसने 26 बोरी दाना खरीद लिया। सरस्वती का कहना है कि उसे यह पता नहीं था कि ये सरकारी दलिया है।
उधर रेडी टू ईट वितरण के काम से जुड़े परिवहनकर्ता लालाराम राठिया, गोविंद साव, आकाश झारिया, द्वारिका प्रसाद ने काफी गोलमोल जवाब दिया, मगर विभाग के सुपरवाइजरों और सरस्वती देवी के बयान से यह तय हो गया कि बच्चों को बांटने के लिए भेजा जाने वाला रेडी टू ईट मवेशी पालकों को बेचा जा रहा है। इसी के मुताबिक तैयार डीपीओ MD नायक के जांच प्रतिवेदन के आधार पर परिवहनकर्ता लालाराम राठिया, गोविंद साव, आकाश झारिया, द्वारिका प्रसाद तथा दलिया खरीदने वाली सरस्वती देवी के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 3,7 तथा 34 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है।
बच्चों के लिए बनने वाले पौष्टिक आहार रेडी टू ईट की अफरा-तफरी से स्थानीय परियोजना अधिकारी, सेक्टर सुपरवाइजर और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता अनजान हों, यह भी संभव नहीं। TRP न्यूज़ को विशेष सूत्रों से जानकारी मिली है कि कोरबा के कतिपय ग्रामीण एवं शहरी सेक्टरों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच यह तय किया गया था कि वितरणकर्ता द्वारा उन्हें निर्धारित मात्रा से कम बोरियां रेडी टू ईट दी जाएंगी और बचे हुए पोषक आहार को मार्केट में खपा दिया जायेगा। जानकारी यह भी मिली है कि कार्यकर्ताओं को प्रति पैकेट रेडी टू ईट 7 से 10 रूपये दिए जायेंगे। इसी रणनीति के तहत बीज निगम के कर्मियों ने रेडी टू ईट के बोरे बचाकर उसे भैंस खटाल में बेचने का प्रयास किया, मगर वे पकड़ में आ गए। हालांकि यह भी पता चला है कि वे इससे पहले भी गोकुल नगर में रेडी टू ईट की खेप बेच चुके हैं।
शहरी और वनांचल में कुपोषण से जंग लड़ने के लिए प्रदाय किए जाने वाले रेडी-टू-ईट का वितरण किस तरह से हो रहा है, यह खुलासा हो चुका है, मगर महिला एवं बाल विकास विभाग बीज निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को जिलों में स्थापित रेडी-टू-ईट (ready-to-eat) के गोदामों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में रखे स्टॉक का तत्काल सत्यापन कराना चाहिए, इससे भी बच्चों के पोषक आहार की अफरा-तफरी का खुलासा हो सकेगा।
रेडी-टू-ईट की अफरा-तफरी प्रदेश के लगभग सभी जिलों में हो रही है और इसे रोकने के लिए इसकी वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाना होगा। यह व्यवस्था किस तरह की होगी इस पर अधिकारियों को योजना बनाने की जरुरत है। साथ ही राज्य सरकार के वादे के मुताबिक महिला समूहों को इसके वितरण का काम दिया जाना अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। यह कार्य भी जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
पुलिस द्वारा दर्ज FIR की प्रति :
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