आश्विन शुक्ल दशमी तिथि 23 अक्टूबर शाम 5 बजकर 44 मिनट से 24 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. आज शाम 05 बजकर 43 मिनट के बाद गोधुली मुहूर्त लग जाएगा. आप इस शुभ मुहूर्त में रावण दहन कर सकते हैं. दशहरे पर रावण दहन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 07.19 बजे से रात 08.54 बजे तक रहेगा.
आज भी देशभर के विभन्न हिस्सों में रावण का पुतला फूंका जाएगा. आइए आपको रावण दहन का मुहूर्त बताते हैं.
कैसे मनाएं दशहरा?
इस दिन सबसे पहले देवी और फिर भगवान राम की पूजा करें. पूजा के बाद देवी और प्रभु राम के मंत्रों का जाप करें. अगर कलश की स्थापना की है तो नारियल हटा लें. उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. कलश का जल पूरे घर में छिड़कें. ताकि घर की नकारात्मकता समाप्त हो जाए. जिस जगह आपने नवरात्रि मे पूजा की है, उस स्थान पर रात भर दीपक जलाएं. अगर आप शस्त्र पूजा करना चाहते हैं तो उस पर तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधें.
रावण दहन का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल दशमी तिथि 23 अक्टूबर शाम 5 बजकर 44 मिनट से 24 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. आज शाम 05 बजकर 43 मिनट के बाद गोधुली मुहूर्त लग जाएगा. आप इस शुभ मुहूर्त में रावण दहन कर सकते हैं. दशहरे पर रावण दहन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 07.19 बजे से रात 08.54 बजे तक रहेगा.
राम ने कैसे रावण पर विजय प्राप्त की?
विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता को उसके चुंगल से आजाद कराया था. भगवान राम की कुंडली कर्क लग्न और रावण की सिंह लग्न की है. दोनों के लग्न में विद्यमान बृहस्पति दोनों की शक्तिशाली बनाता है. हालांकि श्रीराम का बृहस्पति लग्न में उच्च का है जो उन्हें विशिष्ट बनाता है.
ज्योतिषविद कहते हैं कि राहु के कारण रावण की मति भ्रष्ट हुई और उसे राक्षस की श्रेणी में रखा गया. हालांकि उच्च के शनि और बुध के कारण रावण एक ज्ञानी, विद्वान और अत्यंत पराक्रमी था. कुल मिलाकर श्रीराम का बृहस्पति ही रावण पर भारी पड़ा और रावण परास्त हुआ.
शत्रु बाधा दूर करने का महाउपाय
दशहरा के दिन शाम को संध्या का समय सर्व सिद्धिदायी विजय काल कहलाता है. “ॐ अपराजितायै नमः” का 5 माला का जप करें. इसके बाद हनुमान जी के सिद्ध मंत्र “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट” का 2 माला जाप करें. इससे जीवन में दृढ़ता और शक्ति प्राप्त होती है. मनोबल ऊँचा रहता है शत्रु शांत हो जाते हैं.
धन प्राप्ति का विशेष प्रयोग
दशहरे के दिन शमी का पौधा लगाएं और उसमें नियमित रूप से उसमें जल डालते रहें. पौधे के निकट हर शनिवार को संध्या काल में दीपक जलाएं. आपको धन का अभाव कभी नहीं होगा.