कवर्धा। सोशल मीडिया के जरिये पूरे देश में चर्चित हुए दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने कबीरधाम जिले में जॉइनिंग दे दी है। इस मौके पर निवर्तमान पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह और उनके अधीनस्थों ने पल्लव का स्वागत किया।
कवर्धा जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह का स्थानांतरण जिला बलरामपुर एवं जिला दुर्ग पुलिस कप्तान डॉ. अभिषेक पल्लव का स्थानांतरण जिला कबीरधाम पुलिस अधीक्षक के पद पर होने से अभिषेक पल्लव के द्वारा कबीरधाम SP कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक का पदभार ग्रहण किया गया।
पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उमेद सिंह के द्वारा जिले का चार्ज नए पुलिस कप्तान को सौंपते हुए पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। साथ ही जिले के हालात एवं कानून व्यवस्था संबंधी आवश्यक जानकारी नवागंतुक पुलिस कप्तान डॉ. अभिषेक पल्लव को दी गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मनीषा ठाकुर रावटे, उप. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कौशल किशोर वासनिक, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बोड़ला, जगदीश उइके, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पंडरिया पंकज पटेल, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी लोहारा संजय ध्रुव, एवं थाना चौकी प्रभारी तथा कार्यालयीन अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहकर पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह को पुष्पगुच्छ भेंट कर भावभीनी विदाई देकर नये पुलिस कप्तान डॉ. अभिषेक पल्लव का पुष्पगुच्छ से स्वागत अभिनंदन किया गया।
गौरतलब है कि SP डॉ अभिषेक पल्लव ने दुर्ग में अपने कार्यकाल के दौरान अपराधियों को पकड़ने और उनके खुलासे को लेकर सोशल मीडिया का जिस तरह इस्तेमाल किया वो सबसे अलग था। किसी भी मामले के खुलासे को लेकर मीडिया की PC का सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण और रोचक तरीके से आरोपियों से मीडिया के समक्ष ही बातचीत कर घटनाक्रम की पूरी जानकारी बाहर निकालना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया था। उनके इन्ही प्रयासों का नतीजा रहा कि फेसबुक पर दुर्ग पुलिस के ऑफिसियल साइट पर 3 लाख से भी अधिक फॉलोवर हैं। वहीं यू ट्यूब और इंस्टाग्राम पर भी अच्छे-खासे सब्सक्राइबर हैं। हालांकि डॉ पल्लव के इस तरह आरोपियों के फुटेज सीधे सोशल मीडिया में वायरल करने की कुछ जानकार आलोचना भी करते हैं। उनका तर्क है कि इस तरह अपराधी की पहचान उजागर करने से न्यायलय में आरोप सिद्ध करने में दिक्कतें आएंगी।
बहरहाल नक्सल क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने के बाद युवा IPS शलभ सिन्हा ने दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक का कार्यभार संभाल लिया है। अब देखने की बारी यह है कि दुर्ग जिले को अपराधमुक्त करने की दिशा में शलभ सिन्हा की कार्यशैली किस तरह कारगर होती है।
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