एक बड़े डेटा लीक (डेटा ब्रीच) का खुलासा हुआ है, जिसका यूजर्स की सिक्योरिटी पर बड़ा असर पड़ सकता है. साइबराबाद पुलिस ने 7 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. जिन पर करोड़ों यूजर्स का डेटा चोरी करने और उसे बेचने का आरोप है. इस गैंग पर सरकारी संस्थाओं और महत्वपूर्ण ऑर्गेनाइजेशन्स के डेटा लीक करने का आरोप है, जिसमें 2.55 लाख डिफेंस से जुड़े लोग हैं.
ये आरोपी एनर्जी और पावर सेक्टर, पैन कार्ड डाटा, सरकारी कर्मचारी, गैस और पेट्रोलियम, एचएनआई (हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स), डीमैट अकाउंट्स, स्टूडेंट डाटाबेस, वुमन डाटाबेस, ऐसे लोगों के डाटा जैसी कैटेगरी में जानकारी बेचते पाए गए हैं. इनके जरिए लोगों ने लोन और इंश्योरेंस के लिए आवेदन किया. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किया गया आरोपी एक सर्च इंजन कंपनी और इसी तरह के प्लेटफॉर्म के जरिए डाटा बेच रहा था.
इन लोगों का डाटा लीक में शामिल
दिल्ली से गिरफ्तार किए गए इन साइबर अपराधियों के पास 1.20 करोड़ लोगों का वॉट्सएप डेटा है. इसके अलावा, इनपर फेसबुक यूजर्स का भी डाटा है, जिसकी संख्या 17 लाख है. इस डेटा में यूजर्स की उम्र, ईमेल , फोन नंबर और अन्य जानकारियां शामिल हैं. इसके अलावा, पुलिस ने इस बात का भी खुलासा किया है कि दो करोड़ छात्रों का डाटा भी लीक हुआ है. इसमें CBSE की 12वीं क्लास के स्टूडेंट शामिल हैं. लीक हुए डेटा में उन लोगों का डेटा भी है, जो नौकरी ढूंढ रहे हैं. लीक डेटा में 1.47 करोड़ कार मालिक का डाटा भी है. इसके अलावा 11 लाख सरकारी एम्प्लॉय की भी जानकारी लीक हुई है.
कितने में बिक गया डेटा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रिमीनल्स ने 50 हजार लोगों का डाटा को 2000 रुपये में बेच दिया है. हालांकि इस मामले की जांच पूरी नहीं हुई है. ऐसे में फिलहाल इस मामले और भी कई कड़ियों का खुलासा होना बाकी है.
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