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पटवारी हड़ताल : अब आय और जाति प्रमाण पत्र के लिए पटवारी की जरूरत नहीं, की गई ये अस्थाई व्यवस्था

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पटवारियों के हड़ताल पर जाने से जनसामान्य को आय और जाति प्रमाणपत्र बनाने में हो रही असुविधा को देखते हुए आय एवं जाति प्रमाणपत्र जारी करने के संबंध में अस्थाई निर्देश जारी किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया है। आदेश में उल्लेखित है कि छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण और विच्छिन्नता अधिनियम 1979 लागू किए जाने के बाद भी पटवारी हड़ताल से वापस नहीं आए हैं। इसके कारण जनसामान्य को आय और जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त किए जाने में असुविधा हो रही है। चूंकि वर्तमान समय में शासकीय सेवाओं में भर्ती और शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए आय और जाति प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, अतः आगामी आदेश पर्यंत आय और जाति प्रमाण पत्र तैयार किए जाने के संबंध में अस्थायी निर्देश प्रसारित किया गया है। जाति प्रमाण पत्र के लिए वांछित भू-अभिलेख, मिसल, अभिलेख, जनगणना अभिलेख, दाखिल खारिज रजिस्टर, जमाबंदी और खसरे की नकल जिसमें आवेदक और उसके परिवार के किसी सदस्य की जाति अंकित है की आवश्यकता सामान्यतः होती है। उपरोक्त सभी दस्तावेज जिला कार्यालय के अभिलेखागार में और अन्य विभागों के विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध है। अतः यह उचित होगा कि ऐसे दस्तावेज पटवारी से प्राप्त करने के लिए आवेदकों को बाध्य ना करते हुए उनकी ओर से ऑनलाइन या जिला रिकॉर्ड रूम से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाए।

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम, 2013 के नियम 3 के अनुसार आवेदक से वंशावली प्राप्त करने के निर्देश हैं। यदि यह वंशावली अभिलेखों से पुष्ट है, तो इसकी आवश्यकता भी नहीं है, तथापि फिर भी आवश्यक होने पर ऐसी वंशावली ग्राम पंचायत के सचिव अथवा ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकार करते हुए आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए।

इसी तरह आय प्रमाण पत्र के लिए वांछित दस्तावेजों में नौकरी पेशा व्यक्ति के लिए उनके द्वारा अंतिम वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न लिया जा सकता है या उनके नियोक्ता के द्वारा जारी वार्षिक आय की जानकारी को मान्य करते हुए आय प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों खेतिहर मजदूरों, छोटे कृषकों को आय प्रमाणपत्र के लिए उनकी ओर से यदि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सूची में नाम होने, ऐसा राशन कार्ड होने, मनरेगा जॉब कार्ड होने या श्रमिक का कार्ड होने पर यदि आवश्यक हो तो सरपंच / पंचायत सचिव / पार्षद से भी आय के समर्थन के लिये प्रमाण पत्र प्राप्त कर इन दस्तावेजों के आधार पर आवेदकों को आय का प्रमाण पत्र जारी किया जाए।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्थिति में इन प्रमाण पत्र के लिए आवेदकों से ऐसे दस्तावेजों की मांग नहीं की जाए, जिसकी पूर्ति के लिए आवेदक को पटवारी के प्रतिवेदन पर निर्भर होना पड़े। सीएम भूपेश बघेल ने उपरोक्त निर्देशों के कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश आगामी आदेश पर्यंत प्रभावशील रहेगा।

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