दिल्ली पुलिस ने 10 लोगों की गिरफ्तारी के साथ दिल्ली और लखनऊ में चल रहे तीन फर्जी कॉल सेंटरों के जरिए नामी कंपनियों की घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री में शामिल ठगी करने वाले गिरोह का पदार्फाश किया है। शातिर गैंग ने एक बड़ी आयुर्वेद कंपनी का डेटा चुराकर 6372 मरीजों को सस्ते रेट पर घटिया दवाएं बेच दी। जिससे मरीजों की सेहत को भारी नुकसान हुआ।
गैंग लीडर और सभी मेंबर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, बहराइच और लखीमपुर खीरी के निवासी हैं। दिल्ली के साथ यूपी में भी गैंग का नेटवर्क फैला हुआ है। अभी काफी लोग रडार पर हैं। यूपी के कुछ ब्रांडेड कहे जाने वाले आयुर्वैदिक डॉक्टर भी शामिल होने की आशंका हैं।
बताया जा रहा है कि गिरोह नीम हकीम खतरा-ए-जान ने देशभर में 6,372 लोगों से 1.94 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपियों की पहचान विकास पाल, सोनू पाल, राहुल सिंह, समर, उग्रसेन सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, रोहित सिंह, सतीश सिंह, राजेश सिंह और आशुतोष कुमार के रूप में हुई है।
आरोपियों के पास से 42 मोबाइल फोन, 9 लैपटॉप और घटिया क्वालिटी की दवाएं और हकीम सुलेमान ग्रुप का डेटा भी बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक अनायुर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड (यूएमपीएल) मैनेजर एडमिन सचिन दहिया ने दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट में एक शिकायत कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि नकली, कृत्रिम, गलत ब्रांड वाली और मिलावटी दवाएं कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों तक पहुंचाई जा रही हैं जो खुद को उनकी कंपनी के कर्मचारी के रूप में पेश करते हैं।
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