मनीष सरवैया@महासमुंद। आज महासमुंद के सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ राज्य शासन के खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने आज प्रेस वार्ता लेकर प्रेस से कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में, आज आम आदमी का आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और चार बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते हैं तो उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है, उनका माइक बंद कर दिया जाता है। सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुए संसद की कार्यवाही को नहीं चलने देते हैं। केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुए अनर्गल बयानबाजी करते हैं और इन सब से भी राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते हैं। तो राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने का या काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने कर दिया है।
अमरजीत सिंह भगत ने प्रेस से कहा कि राहुल गांधी ने अडानी के घोटाले बाजी और अडानी मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया तो उन्हें बोलने नहीं दिया जाता। अडानी की सेल कंपनी में 20,000 करोड़ पर सवाल उठाते हैं तो , क्या सवाल उठाना गलत है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने और अडानी के संबंध के बारे में बतातें नहीं हैं। अमरजीत सिंह भगत ने आगे कहा कि राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खडगे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश को राहुल गांधी के भाषण को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है या अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिद भारतीय जनता पार्टी कर रही है।
राहुल गांधी द्वारा भाजपा मंत्रियों के कारनामों को उजागर करने लोकसभा अध्यक्ष से राहुल गांधी ने दो लिखित अनुरोध किया। तीसरी बार अध्यक्ष से मीटिंग भी की, पर तीन अनुरोध के बावजूद अध्यक्ष ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि देश के प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनका रिश्ता का पर्दाफाश हो।