बिलासपुर।सहायक शिक्षक, शिक्षक और प्रधान पाठक की तरह लेक्चरर के पद से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति हेतु राज्य द्वारा दाखिल रिटर्न में यह संकेत दिया गया है कि राज्य सरकार ने पहले ही पांच साल की सेवा की शर्त को तीन साल तक कम कर दिया है।याचिकाकर्ता रामगोपाल साहू व राजेश शर्मा द्वारा दायर याचिका में पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनूप मजूमदार ने उच्च न्यायालय में पक्ष रखते हुए कहा कि अगर इस बयान को रिकॉर्ड में ले लिया जाता है, तो याचिकाकर्ताओं के पास कोई शिकायत नहीं बची है, हालांकि, उनका कहना है कि नियम में कोई संगत संशोधन नहीं है और जैसा कि जिला शिक्षा अधिकारी ने शपथ ली थी, उनके अनुसार यह उचित होगा कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा एक हलफनामा दायर किया जाए।
याचिकाकर्ता रामगोपाल साहू व राजेश शर्मा द्वारा स्वयं व व्याख्याता समूह के हित मे याचिका दिया गया है, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने शासन के संकेत का स्वागत करते हुए कहा है लेक्चरर से प्राचार्य पदोन्नति को भी वन टाइम रिलेक्सेशन के लिए शासन द्वारा नियम बनाने से प्राचार्य पदोन्नति की बाधा दूर होगी साथ ही समस्त पद पर याचिका निराकृत होने से पदोन्नति भी आसान हो जाएगा।
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