हर व्यक्ति को कभी ना कभी ये लगता है कि वह ईश्वर की प्रार्थना या पूजा तो खूब कर रहा है लेकिन ये सुनी नहीं जा रही हैं. अगर आप इस स्थिति में हैं तो हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों कभी कभी प्रार्थनाएं नाकाम हो जाती हैं. पहले आप यह समझ लीजिए कि व्यवसाय और लेन-देन की तरह की प्रार्थना भी असफल होती है.
प्रार्थना के नाकाम होने की कुछ वजह होती हैं
- आहार और व्यवहार पर नियंत्रण न रखने से प्रार्थना नाकाम होती है.
- माता-पिता का सम्मान न करने से प्रार्थना असफल होती है.
- प्रार्थना से आपका ही नुकसान हो रहा हो तो भी प्रार्थना नाकाम हो जाती है.
- अतार्किक प्रार्थना भी असफल हो जाती है.
अब जाने की प्रार्थना के नियम क्या होने चाहिए
- सही तरीके से की गई प्रार्थना जीवन में चमत्कारी बदलाव लाती है.
- प्रार्थना सरल और साफ तरीके से की जानी चाहिए और आसानी से बोली जाने वाली प्रार्थना करनी चाहिए.
- शांत वातावरण में प्रार्थना करना सबसे बढ़िया होता है.
- खासतौर पर मध्य रात्रि में प्रार्थना जल्दी स्वीकार हो जाती है.
- प्रार्थना को रोज एक ही समय पर करना अच्छा होता है.
- वहीं दूसरे के नुकसान के उद्देश्य से या फिर अतार्किक प्रार्थना मत करें.
- दूसरे के लिए प्रार्थना करने से पहले उसके बारे में सोचें और फिर प्रार्थना शुरू करें.
- अगर आपने ये नियम अपनाए तो यकीन मानिए कि आपकी प्रार्थना चाहे धन की हो या संतान या फिर नौकरी की, यह पूरी जरूर होगी.
प्रार्थना करने का तरीका
आपकी प्रार्थना आपके ईष्ट स्वीकार करें, इसके लिए कुछ नियमों के साथ प्रार्थना करनी चाहिए.
- सबसे पहले एकांत स्थान में बैठें.
- उसके बाद अपनी रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखें.
- फिर सबसे पहले अपने ईष्ट, गुरु या ईश्वर का ध्यान करें.
- उसके बाद जो प्रार्थना करनी है, उसे करें.
- अपनी प्रार्थना को गोपनीय ही रखें.
- जब भी मौका मिले, अपनी प्रार्थना दोहराते रहें.
- अगर आपने इन तरीकों से सच्चे मन से प्रार्थना की तो यकीनन आपकी मनोकामना पूरी होगी.
- अगर आपको अपना इष्ट देव ना मालूम हो तो आप देवो के देव महादेव शिव जी का मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप कर सकते हैं.
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