रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ओपी चौधरी ने कहा है कि फर्जी आंकड़ों की बाजीगरी बंद कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यह बतायें कि छत्तीसगढ़ में केंद्रीय प्रोजेक्ट्स 10 हजार करोड़ महंगे होने के पीछे उनकी क्या मंशा है। केंद्रीय परियोजनाओं का काम लटकाकर वे क्या दिखाना चाहते हैं। भूपेश बघेल की राज्य सरकार तो विकास की एक ईंट तक नहीं रख पाई। भाजपा की केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए काम कर रही है तो उसमें भी हीलाहवाली, अड़ंगेबाजी करके प्रोजेक्ट्स की मियाद और लागत बढ़वाने का कुचक्र रचा जा रहा है। भूपेश बघेल की सरकार केंद्रीय मद के कार्यों में भ्रष्टाचार के लिए पहचानी जाती है। मनरेगा के पैसे कहां किस गोठान में खर्च हो रहे हैं, यह सबको पता है। केंद्रीय योजनाओं को अधोगति का शिकार बनाया जा रहा है। केंद्र के छत्तीसगढ़ के 16 लाख गरीब परिवारों के आवास के लिए 10 हजार करोड़ की राशि मंजूर की लेकिन भूपेश बघेल ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास नहीं बनने दिए। केंद्र की हर विकास योजना में भूपेश सरकार बाधक बन रही है और देश के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ओपी चौधरी ने कहा कि केंद्र की योजनाओं की नोडल एजेंसी राज्य होता है और राज्य सरकार की यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे हों। परियोजना के क्रियान्वयन में किसी तरह की बाधा उत्पन्न हो रही है तो उसका त्वरित समाधान निकाला जाए। ताकि विकास योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल सके लेकिन छत्तीसगढ़ में इसके उलट स्थिति है। यहां बाधा दूर करने की जगह बाधा खड़ी की जाती है और दोष केंद्र सरकार के मत्थे मढ़ा जाता है। प्रधानमंत्री आवास के मामले में तो भूपेश बघेल के तत्कालीन पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव खुद भेद खोल चुके हैं। भूपेश बघेल सरकार को यह समझना चाहिए कि इस तरह वह अपनी चाल में सफल नहीं हो सकती। जनता देख रही है कि भूपेश बघेल सरकार न तो खुद विकास कर रही है और न ही केंद्र सरकार को करने दे रही है। कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ के विकास में सबसे बड़ी बाधा है।
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