रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रायपुर में हुई सभा के बाद भाजपा को प्रदेश की सत्ता फिर से दिखने लगी है। यही वजह है कि पीएम की सभा के साथ ही प्रदेश भाजपा चुनाव को लेकर पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। पार्टी अब चुनाव तक पूरी ताकत झोंकने को तैयार हो गई पीएम मोदी की सभा के कुछ घंटे के भीतर ही भाजपा ने छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी और सह- प्रभारी के नाम की घोषणा कर दी।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर को ही चुनाव का प्रभारी बनाया गया है, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को सह- प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। नियुक्ति आदेश जारी होने के कुछ घंटे बाद ही प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के आला नेताओं की बैठक शुरू हो गई।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में शाम को शुरू हुई बैठक देर रात तक चली। इसमें प्रदेश के दोनों चुनाव प्रभारियों के साथ प्रदेश संगठन के सह- प्रभारी नीतीन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित प्रदेश संगठन के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बैठक में अलगे 100 दिनों की रणनीति तय की गई। इस दौरान पार्टी एक तरफ जनसंपर्क बढ़ाएगी और दूसरी तरफ राज्य सरकार के खिलाफ जनता के बीच माहौल भी बनाएगी।
बैठक से पहले बधाई: छत्तीसगढ़ प्रदेश के चुनाव के प्रभारी व सह प्रभारी बनने पर ओम माथुर और मनसुख मंडाविया को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉ रमन सिंह, नितिन नबीन, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, महामंत्री केदार कश्यप विजय शर्मा, ओपी चौधरी सहित वरिष्ठ नेताओं ने बधाई दी।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन का मापदंड तय करने को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है, लेकिन इस मुद्दे को अमित शाह की बैठक तक के लिए टाल दिया गया। बताया जा रहा है कि शाह की एक टीम राज्य में सक्रिय है, जो अपने स्तर पर पार्टी व स्थानीय नेताओं की गतिविधि से लेकर प्रत्याशी चयन को लेकर सर्वे कर रही है।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में चल रही बैठक को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने मीडिया से चर्चा में बताया कि पार्टी ने चुनाव को लेकर कार्ययोजना तैयार की है। इस बैठक में उसी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। संगठन को ज्यादा गतिशील करने के साथ ही चुनावी रणनीति पर भी बात होगी।
हर महीने आएंगे शाह
पार्टी नेताओं के अनुसार छत्तीसगढ़ में चुनाव की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने हाथ में ले रखी है। शाह पांच जुलाई की शाम को यहां आए थे। एयरपोर्ट से सीधे पार्टी मुख्यालय पहुंचे शाह ने शाम से देर रात तक प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की। इसके बाद सुबह दिल्ली चले गए। शाह अब इसी तरह हर महीने आते रहेंगे। इसी महीने 14 तारीख के बाद शाह के फिर आने की संभावना है।