कमलेश हिरा@कांकेर। प्रदेश मे ईसाई स्कूलों की बेहतर शिक्षा को संवारने के लिए उनके ट्रस्ट द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। जिससे इन ईसाई स्कूल में भी लगातार बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ने लगी है। वहीं कुछ ऐसे स्कूल हैं, जहां पर शिक्षक बच्चों को पढ़ाने की बजाय उनसे काम कराते हैं।
ऐसा ही मामला कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के ग्राम छोटे बेठिया के ईसाई स्कूल अमर ज्योति उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय का है। जहाँ बच्चों को पढ़ाई के बजाय बच्चों से काम कराया जा रहा है। उनकी पढ़ाई की तरफ शिक्षक कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जब स्कूल मे हो रहे बच्चे से काम करवाने के मामले की तब्दीश करने पहुंचे तो उन्होंने देखा मजदूरों को न बुलवाकर बच्चों से हर काम कराते हैं। बच्चे भी खुशी-खुशी इस काम में लगे रहते हैं, क्योंकि इससे वह पढ़ाई से बचे रहते हैं। अमर ज्योति उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय छोटेबेठिया मे बाउंड्री वॉल बनाने का काम चल रहा है। वही बच्चे ढूलाई गाड़ी मे ईटो को लादकर लाने का काम कर रहे थे। जब बच्चों से पूछा गया है कि ऐसा काम करने के लिए कौन बोला है तो बच्चों का जवाब रहा कि हमें स्कूल के फादर ने बोला है काम करने को।
आपको बता दें अमर ज्योति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छोटेबेठिया एक ईसाई मिशनरी ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है और इस ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य है गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए स्कूल में पढ़ाना लिखाना। लेकिन हकीकत देखने के बाद इस स्कूल का उद्देश्य कुछ और ही बयां कर रही है। राज्य सरकार लगातार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थापना कर संचालन करना शुरू भी कर दिया है लेकिन इस स्कूल में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की आड़ में इस प्रकार से मजदूरी का काम कराया जा रहा है। जिससे बच्चों के शिक्षा और भविष्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ रहा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि शासन प्रशासन इस प्रकार के निजी स्कूलों में नकेल कसने में सफल होते हैं या इन बच्चों को मजदूरी करने के लिए छोड़ देते हैं।