दिव्या सिंह
Bageshwar Government Dhirendra Shastri:: इन दिनों तो बस धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यानी बागेश्वर धाम सरकार के ही जलवे हैं। उनका दरबार, उनके चमत्कारी उपाय, उन्हें सनातन धर्म का झंडाबरदार बनाने वाले उनके बोल और प्रवचनकर्ता जया किशोरी से संभावित उनकी शादी (…?), हर दिन नया मसाला सोशल मीडिया और न्यूज़ वेबसाइटों पर है और लोग अपडेट सर्च करने टूट पड़ रहे हैं। वहीं गांव की गलियों में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है जिसे टिकने का ठिकाना देने में गांव की भी रंगत बदल गई है। ग्रामीणों पर पैसों की झमाझम बारिश हो रही है। कुल मिलाकर मौजूदा वक्त बाबा का है। और ये वक्त कितना लंबा चलेगा…? ये भी वक्त ही बताएगा। फिलहाल हम जानते हैं कि कौन हैं धीरेंद्र शास्त्री और और कैसे सारी लाइमलाइट उन्होंने खींच ली है। साथ ही पढ़िए कैसे बदल रही है गढ़ा गांव की तस्वीर।
कौन हैं धीरेंद्र शास्त्री
धीरेंद्र शास्त्री मध्य प्रदेश के वर्ल्ड फेम वाले पर्यटन स्थल खजुराहो के पास गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी हैं। पीढ़ियों से इनका परिवार पुरोहिताई का काम करता आया है। कहते हैं कि अपने पूर्वज ‘सन्यासी बाबा’ की तरह शास्त्री ने भी ‘माइंड रीडिंग’ में महारथ हासिल की है। उसी के द्वारा वे चिटों के माध्यम से लोगों का भूत-भविष्य बताने का दावा करते हैं। और तो और बालाजी हनुमान से मिली सिद्धी केे दम पर वे भूत भी भगा देते हैं।
गांव की गली से दिव्य दरबार तक की यात्रा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 में छतरपुर के ही गढ़ा गांव में हुआ था। वैसे इनका परिवार यूपी के गोरखपुर में अपनी जड़ें बताता है। गड़ा गांव में शास्त्री के पिता रामकृपाल गर्ग भी पूजा-पाठ का काम करते थे और उनकी मां एक घरेलू महिला हैं। धीरेंद्र अपने पिताजी के साथ ही जगह-जगह पूजा-पाठ के लिए जाया करते थे। शास्त्री की शिक्षा को लेकर अलग-अलग बातें हैं। कोई उन्हें आठवीं पास बताता है तो कोई बीए पास। शिक्षा से इतर उनकी योग्यता यह है कि वे सरल बोली में सहज भाव से अपनी बात कथा के दौरान रखते हैं। अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। कथा और वीडियोज़ के जरिए ही पिछले 2-3 सालों में उनका नाम लोगों की जुबान पर चढ़ा। वे बागेश्वर धाम में दिव्य दरबार लगा कर लोगों के कष्ट दूर करने के उपाय भी बताते हैं। कुछेक लोगों ने उनके बताए उपाय से जीवन बदलने की बात की और माउथ पब्लिसिटी ऐसी हुई कि देश भर से लोग अपनी अर्जियां लेकर दिव्य दरबार में जाने लगे।
कैसा है दिव्य दरबार
गढ़ा गांव के एक छोर पर एक पहाड़ी है। यहां बालाजी हनुमान जी का मंदिर है। इन्हीं के उपासक धीरेंद्र शास्त्री हैं। वे कहते हैं कि उन्हें सारी सिद्धियों की प्राप्ति श्री बालाजी हनुमान के आशीर्वाद से ही हुई है। यहां लोग अपनी समस्याओं के निवारण के लिए हनुमान जी के सामने हर मंगलवार और शनिवार को अर्जी लगाते हैं।परंपरानुसार समस्या के मुताबिक कोई लाल कपड़े में तो कोई काले कपड़े में बांधकर अपनी अर्जी वहां छोड़ जाता है। इस मंदिर के पास ही बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार लगता है। शास्त्री के दिव्य दरबार में पहले सैकड़ों लोग आते थे। फिर हजारों हुए और अब कभी-कभी तो लाखों की संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। इन लोगों में से किसी का भी नाम लेकर धीरेंद्र अपने पास बुलाते हैं। वे उस व्यक्ति से उसके बारे में कुछ नहीं पूछते। अपनी सिद्धी के बल पर माइंड रीडिंग करते हैं और एक पर्चे पर उस व्यक्ति की समस्या का समाधान लिख देते हैं। उनका यही कमाल उन्हें लोकप्रिय बना रहा है क्योंकि दुख-समस्याएं हर किसी के पास हैं।
कहाँ से मिली शक्तियां
परिजन बताते हैं कि पांच पीढ़ी पहले
उनके परिवार के एक व्यक्ति बंगाली विद्या सीखने बंगाल गए थे। वहीं से उन्हें शक्तियां मिलीं और वे संन्यासी बाबा कहलाए। यही शक्तियां धीरेंद्र को भी प्राप्त हुईं। बाकी साधना से, तंत्र-मंत्र से और बालाजी हनुमान की कृपा से अब वे भूत-प्रेत भगाने में भी निपुण हो गए हैं। आपको बताएं कि बालाजी मंदिर के पास ही एक पेड़ है। धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार यह पेड़ “प्रेतराज” का है और प्रेतबाधा दूर करता है। प्रेतछाया से ग्रस्त लोगों को इस पेड़ से चिपककर रोते-चिल्लाते भी देखा जा सकता है। लोगों के मुताबिक इसके बाद प्रेतछाया उतर जाती है और लोग अच्छा महसूस करते हैं।
बागेश्वर सरकार के कारण बदल गई गांव की तस्वीर
छोटा सा गड़ा गांव अब देश-दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। अब लाखों की संख्या में लोग गांव की गलियां नाप रहे हैं। बाबा से मिलने की आस में उसी गांव में ठहर रहे हैं। छोटी सी बस्ती में कोई होटल तो है नहीं। इसमें ग्रामीणों ने अपना हित साध लिया है। घर-घर में होम स्टे बन गए हैं। खाने-पीने, नहाने-धोने, रहने-सोने के इंतज़ाम के बदले हज़ारों रुपए वसूले जा रहे हैं। तरह- तरह की दुकानें खुल गई हैं। मतलब बाबा के बल पर गांव वालों के वारे-न्यारे हो रहे हैं।
अभी कैसे आए चर्चा में
अभी हाल ही में धीरेंद्र शास्त्री ‘श्रीराम चरित्र कथा’ करने के लिए नागपुर गए थे। यहां पर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने उन्हें चैलेंज करते हुए कहा कि धीरेंद्र शास्त्री उनके सामने अपनी सिद्धियों को साबित करें। और यदि उन्होंने ऐसा कर दिखाया तो वे उन्हें 30 लाख रूपये देंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि इस चुनौती से धीरेंद्र शास्त्री डर गए और अपनी कथा दो दिन पहले ही समाप्त करके वापस लौट गए। हालांकि धीरेंद्र इस आरोप को सिरे से खारिज करते हैं। वे कहते हैं कि अपने गुरुदेव के जन्मदिन की वजह से उन्होंने जल्दी कथा समाप्त की और लौट आए। साथ ही उनका यह भी कहना है कि चूंकि वे सनातन धर्म के उत्थान की बात करते हैं इसलिए वे कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं और उन्हें बदनाम करने के तरीके खोजे जा रहे हैं। अब तो द्वारका शक्तिपीठ के शंकराचार्य ने भी सनातन धर्म के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों की प्रशंसा कर दी है इसलिए ये तो तय है कि शास्त्री अभी चर्चा में बने रहने वाले हैं।