बासमती धान की फसल पर छिड़काव किए जाने वाले 10 निर्धारित कीटनाशकों के विक्रय, वितरण और प्रयोग पर रोक लगा दी गई है।
अलीगढ़ के जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमित जायसवाल ने बताया कि 10 रसायनों के प्रयोग के कारण चावल के दानों में अधिक कीटनाशक अवशेषों का जोखिम है, इसलिए सरकार ने ट्राईसाइक्लाजोल और बुप्रोफेजिन के सुरक्षित और प्रयोग के लिए वैकल्पिक कीटनाशकों के प्रयोग की संस्तुति की गई है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने भी जानकारी दी है कि यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और खाड़ी देश जैसे आयात करने वाले देशों में कीटनाशकों के अधिकतम अवशेष स्तर के कड़े मानक के कारण बासमती चावल के निर्यात को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में बासमती चावल के निर्यात में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। एपीडा ने उत्तर प्रदेश की विरासत बासमती उपज को बचाने और अन्य देशों को बासमती चावल के बाधा मुक्त निर्यात को सुनिश्चित करने के लिए इन कीटनाशकों पर पाबंदी लगाने का अनुरोध किया है।
उन्होंने बताया कि जिले में बासमती चावल में कीटनाशक ट्राईसाईकला जोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, कलोरपाइरीफोस, हेकसाकोनो जोल, प्रोपिकोना जोल, थायोमेथा कसाम, प्रोफेनेफॉस, इमिडाकलोप्रिड, कार्येणडाजिम को प्रतिबंधित किया गया है। इन कीटनाशकों के सभी प्रकार के फार्मूलेशन की बिक्री, वितरण और प्रयोग पर रोक लगा दी है, ताकि गुणवत्तायुक्त बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि की जा सके।
The post बासमती चावल निर्यात में वृद्धि के लिए रसायनों पर प्रतिबंध, ये हैं वे 10 कीटनाशक appeared first on CG News | Chhattisgarh News.