रायपुर। आज राजधानी के बूढ़ा तालाब में पुलिस परिवार संगठन सहित कई संगठनों ने महासम्मेलन का आयोजन कर आंदोलन की शुरुआत करने की घोषणा की थी। इसी के तहत यहां हजारों की संख्या में पुरुष-महिलाएं पहुंचे हुए थे। मगर पुलिस ने पुलिस परिवार संगठन के प्रमुख रहे उज्जवल दीवान और अनियमित कर्मचारी महासंघ के रवि गढ़पाले समेत आधा दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया।
पूर्व में कई बार आंदोलन कर चुके अलग-अलग संगठनों के लोग इस बार एकजुट होकर नियमितीकरण, नियुक्तियों और भर्ती न होने से पीड़ितों को इकठ्ठा कर आंदोलन शुरू करने जा रहे थे। इनके साथ संजीव मिश्रा पुलिस परिवार, नीलू ओगरे रसोइया संघ के सदस्य भी शामिल हो रहे थे। उज्जवल दीवान ने आजाद जनता पार्टी के बैनर तले सभी संगठनों को एकजुट किया है।
धरना स्थल पर शांतिपूर्ण सम्मेलन कर रहे पदाधिकारियों को जब पुलिस ने यहां से उठाना शुरू किया, तब अन्य लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस यहां मौजूद प्रमुख नेताओं को उठाकर सिटी कोतवाली ले गई। इनमें चुम्मन साहू, संजीव मिश्रा, संदीप द्विवेदी को भी थाने में बिठाकर कार्यक्रम को स्थगित करवा दिया गया। पुलिस ने साउंड और पंडाल दोनों जब्त कर लिया। इस दौरान यहां मौजूद महिलाओं और पुरुषों ने जमकर विरोध किया। इनकी पुलिस से झूमाझटकी भी हुई।
इसकी जानकारी मिलने पर कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष रहे आप पार्टी के नेता विजय झा ने कोतवाली पहुंच कर अपना समर्थन दिया।इनके हिरासत मे होने की खबर के बाद अन्य मान्यता प्राप्त संगठनों ने भी पुलिस के प्रति विरोध जताया है। उनका कहना है कि अगर पुलिस बिना शर्त इन्हें रिहा नहीं करती तो प्रदेश व्यापी हड़ताल की तत्काल घोषणा की जानी चाहिए। जिला संयोजक छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, सक्ति राधेश्याम भरद्वाज ने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है। बहरहाल पुलिस ने यहां शुरू होने जा रहे एक बड़े आंदोलन को रुकवाने में सफलता हासिल की है। देखना है कि अलग-अलग मुद्दों को लेकर लड़ रहे इन आंदोलनकारियों की अगली रणनीति क्या बनती है।
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