कोरबा। शहर के दर्री इलाके में एक चॉइस सेंटर का संचालक लोगों को फर्जी वोटर आईडी बनाकर दे रहा था। सूचना मिलने पर इस शख्स को पकड़ा गया और उसके पास से भारी मात्रा में तैयार नकली वोटर आईडी जब्त किया गया। आरोपी को इंजीनियरिंग का छात्र बताया जा रहा है।
दर्री थाने के अंतर्गत प्रेमनगर जेलगांव चौक के पास संचालित गज्जू डिजिटल नामक च्वाइस सेंटर का संचालक गजेंद्र साहू फर्जी वोटर आईडी कार्ड बना रहा है, जिसका उपयोग विभिन्न माइक्रो फाइनेंस कंपनी, बैंक एवं अन्य जगहों पर परिचय पत्र के रूप में किया जा रहा था। वोटर कार्ड बनवाने वाले कई लोग ऐसे भी थे जिन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि गजेंद्र नकली वोटर आईडी बनाकर दे रहा है। चूंकि पहले चॉइस सेंटर में वोटर आई डी बना करते थे इसलिए लोग गजेंद्र के पास जाकर उससे कार्ड बनवा रहे थे।
हुआ यूं कि एक शख्स ने गज्जू डिजिटल नामक च्वाइस सेंटर से वोटर आईडी बनवाया था। चूंकि वर्तमान में निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर आई डी की आधार कार्ड से लिंकिंग की जा रही है। इसीके लिए यह शख्स अपना वोटर आईडी और आधार कार्ड लेकर संबंधित केंद्र में पहुंचा, जहां उसे बताया गया कि उसके वोटर आईडी में जो एपिक नंबर है, वह मेल नहीं खा रहा है। शख्स ने बताया कि उसने च्वाइस सेंटर में इसे बनवाया है, तब उसे बताया गया कि अब च्वाइस सेंटर में वोटर आईडी नहीं बनाया जाता और यह आईडी फर्जी है। ठगे जाने का अहसास होने पर इस शख्स ने अपने उन परिचितों को इस फर्जीवाड़े के बारे में बताया, जिन्होंने संबंधित चॉइस सेंटर में ही अपना वोटर आईडी बनवाया था। इसके बाद इन सभी ने दर्री टीआई से फर्जी वोटर आईडी के बारे में शिकायत की।
सूचना के आधार पर दर्री पुलिस की टीम ने सीएसपी दर्री सुश्री लितेश सिंह के निर्देशन में पुलिस की टीम ने गज्जू डिजिटल सर्विसेज में छापा मारा, जहां उसके संचालक गजेंद्र साहू ने पहले तो ऐसे किसी कार्य को करने से साफ इंकार कर दिया, लेकिन जब पुलिस ने उसके द्वारा किए गए ऐसे कृत्यों की जानकारी प्रस्तुत की तो उसने स्वीकार किया कि वो फर्जी वोटर आईडी बनाता है।
इंजीनियरिंग के छात्र गजेंद्र साहू उर्फ़ गज्जू ने बताया कि वह अभी तक सैकड़ों ऐसे कार्ड बना चुका है। दर्री पुलिस ने उसके चॉइस सेंटर और मोबाइल तथा कंप्यूटर से 74 फर्जी बनाए हुए वोटर आईडी कार्ड जप्त किए।
एएसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि शासन के द्वारा लगभग 3 वर्ष पहले ही चॉइस सेंटर के माध्यम से वोटर आईडी कार्ड बनाने का कार्य बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। वहीं शासन द्वारा निर्धारित स्थलों से मतदाता पहचान पत्र तैयार सीधे मतदाता के पते पर भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं।
गजेंद्र साहू अपने चॉइस सेंटर की आईडी से किसी मतदाता परिचय पत्र का एपिक नंबर निकाल लेता था और उस कार्ड में फोटो तथा एड्रेस किसी और का प्रिंट कर देता था। निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर वाले स्थान पर ये एसडीएम कटघोरा के स्कैन हस्ताक्षर को प्रिंट कर देता था। ये वोटर आईडी कार्ड एकदम सही प्रतीत होते थे, जब तक एपिक नंबर को कोई चेक न करें।
इन फर्जी वोटर आईडी का उपयोग विभिन्न फाइनेंस कंपनियों, बैंको में खाता एवं लोन के लिए तथा संस्थानों में गेट पास बनवाने के लिए किया जा रहा था। इसके लिए कुछ और लोगो के नाम भी जानकारी में आए हैं, जो एजेंट का कार्य करते हुए फोटो एवं डाटा कलेक्ट करके गजेंद्र साहू को देते थे, उनके संबंध में आगे विवेचना में और जानकारी प्राप्त करके कारवाई की जाएगी। इस प्रकरण में दर्री पुलिस के द्वारा, निर्वाचन कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त की जा रही है।
दर्री पुलिस ने इस प्रकरण में धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी दर्ज करते हुए आरोपी के कब्जे से 74 नग फर्जी वोटर आईडी, मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप, सीपीयू प्रिंटर – स्कैनर, लेमिनेटर जप्त करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस कारवाई में csp सुश्री लितेश सिंह के नेतृत्व में थाना दर्री के उपनिरीक्षक इंद्रजीत नायक, प्रधान आरक्षक मोतीलाल पोर्ते, अशोक पांडे,आरक्षक अशोक चौहान, सलीमुद्दीन, गजेंद्र रजवाड़े, लीलाधर चंद्रा, संजय एवं रामेश्वरी कंवर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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