भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए ब्लास्ट में मदद पहुंचाने के मामले में सात दोषियों को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस के आतंकी मोहम्मद फैसल, गौस मुहम्मद खान, मो. अजहर, आतिफ मुज्जफर, मो. दानिश, सैयद मीर हुसैन और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को मृत्यु दंड की सजा, जबकि मो. आतिफ उर्फ आतिफ ईरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। एनआईए स्पेशल कोर्ट ने आज देर शाम दोषियों की सजा का ऐलान किया। सात मार्च 2017 को यूपी एटीएस ने दर्ज किया था मामला। गिरफ्तार आतंकियों से असलहे, बारूद हुए थे।
मामले में एटीएस के डिप्टी एसपी मनीष चंद्र सोनकर ने आठ मार्च, 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि आईएसआईएस लगातार इंटरनेट पर आतंकवादी घटनाओं का वीडियो अपलोड कर मुस्लिम नौजवानों को अपने संगठन से जोड़ने और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में जुटा है।
इसी से प्रभावित होकर मो. फैसल, दानिश अख्तर, आतिफ मुजफ्फर, सैफुल्ला व अजहर ने सात मार्च, 2017 को मध्यप्रदेश के शाजापुर में पैसेंजर ट्रेन में धमाके की साजिश रची थी। पूर्व में भी ये लोग आईएसआईएस के लिए जिहाद और आतंकी वारदातों को अंजाम देने की बात किया करते थे।
खलीफा के नाम शपथ लेकर वारदात
सुराग मिलने पर पुलिस ने फैसल को कानपुर से गिरफ्तार कर मोबाइल व नकदी बरामद की थी। पूछताछ में उसने बताया कि वारदात में शामिल आतिफ मुजफ्फर, दानिश अख्तर और सैफुल्ला उसी के मुहल्ले के हैं। जबकि गौस मुहम्मद का घर पर आना जाना रहता था। वारदात को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने खलीफा के नाम की शपथ ली थी।
मुठभेड़ में मारा गया था सैफुल्ला
पुलिस ने इन सभी आतंकियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। जबकि काकोरी में हुई मुठभेड़ में सैफुल्ला मारा गया था। अन्य आरोपियों के पास से भारी मात्रा में गोला बारूद व हथियार बरामद हुए थे। इसके बाद मामले की विवेचना एनआईए ने करते हुए बाकी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इन सभी पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकी गतिविधियों के लिए धन, विस्फोटक व हथियार एकत्र करने और जाकिर नाइक का वीडियो दिखाकर युवाओं को जिहाद के लिए उकसाने समेत तमाम अन्य मामले में 21 मार्च, 2018 को आरोप तय किए गए थे।
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