रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में बताया कि कोरोना काल में शासकीय रकम की हेराफेरी की शिकायतों की जांच के बाद चार डॉक्टरों को निलंबित किया गया हैं। इसके अलावा कई कंपनियों की अमानत राशि राजसात करते हुए उनसे किया गया अनुबंध समाप्त कर लिया गया है।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान तीन साल में दवा उपकरण खरीदी में अनियमितता, भ्रष्टाचार की शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऐसी 23 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन रायपुर, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जांच की गई है।
जशपुर जिले एक इस बहुचर्चित मामले में कोरोना कल में 12 करोड़ 47 लाख रूपये के गबन का आरोप लगा था। जिसकी जांच के बाद डॉ. एफ. खाखा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय जशपुर, डॉ. अनुरंजन टोप्पो अस्थि रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय जशपुर, डॉ. उषा प्रेमा लकड़ा सर्जरी विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय जशपुर और डॉ. तुकाराम कंवर तत्कालीन प्रभारी सीएमएचओ कोंडागांव को निलंबित किया गया है। साथ ही, विभागीय जांच चल रही है।
इसी तरह मेसर्स मंगलम बायोटेक रिसर्च दिल्ली, मेसर्स भूषण लेबोरेट्रीज दिल्ली व रोनपाल बायोटेक दिल्ली की अमानत राशि राजसात की गई है। मेसर्स भूषण लेबोरेट्रीज दिल्ली को 2 साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया है। मेसर्स उपकरण फार्मासिटिकल भोपाल का अनुबंध समाप्त किया गया है, इंदु केयर फार्मा पुणे का अनुबंध समाप्त किया गया है, मेसर्स पेटलार्ड महल आरोग्य मंडल फार्मेसी नाडियाड गुजरात से अनुबंध नहीं किया गया, मेसर्स मंगलम बायोटेक रिसर्च दिल्ली से अनुबंध नहीं किया गया। मेसर्स रोनपाल बायोटेक लिमिटेड दिल्ली से अनुबंध नहीं किया गया, मेसर्स भूषण फार्मासिटिकल दिल्ली से अनुबंध नहीं किया गया, फर्म को 2 साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया है।
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