डोंगरगढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यक्षेत्र का जिसमें संघ की भौगोलिक रचना से मध्यभारत, मालवा, महाकोशल व छत्तीसगढ़ (कुल 4 प्रान्त) का 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग, द्वितीय वर्ष (विशेष)_ 2023 का प्रशिक्षण वर्ग धर्मनगरी डोंगरगढ़ के सरस्वती शिशु मंदिर में प्रारंभ हो गया है। प्रशिक्षण वर्ग 18 मई को दोपहर से प्रारम्भ होकर इस प्रशिक्षण वर्ग का औपचारिक उद्घाटन समारोह आज शुक्रवार 19 मई 2023 को सुबह 09.30 बजे दीप प्रज्वलित कर भारतमाता के प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए पूजन अर्चन के साथ सम्पन्न हुआ।
इस उद्घाटन समारोह में मुख्यवक्ता संघ के मध्यक्षेत्र के प्रचारक प्रमुख श्री शिवराम समदरिया जी थे। उन्होंने शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि, संघ की साधना में सदा ध्येय का स्मरण रहना चाहिए। संघ के प्रशिक्षण में कुशल कार्यकर्ता का निर्माण होता है। सामान्य स्वयंसेवक का राष्ट्र कार्य के लिए कुशल कार्यकर्ता का निर्माण इस प्रशिक्षण वर्ग से होता है। प्रशिक्षण प्राप्त कर संघ साधना का ध्येय स्मरण करते हुए भारतमाता के श्री चरणों में स्वयं को समर्पित कर महान ध्येय की पूर्ति के लिए तैयार होता है।
राष्ट्रीय पुनर्रचना हेतु देश के लिए महान कार्य का संकल्प लेकर स्वयं को तैयार करता है। साधना का संकल्प, गुणों का अर्चन, आध्यात्मिक शिक्षा, कार्य की कुशलता, निपुणता, स्वयं की समझदारी का विकास, शील और हम सब भारत माता के पुत्र के नाते हमारा कर्तव्य बोध आदि गुणों से संघ के प्रशिक्षण वर्ग से स्वयंसेवक तैयार होता है। शिक्षा, दीक्षा, व्यवहार, कैसा बोलता है, कैसा रहता है, कैसा चलता है तथा आचरण कैसा करता है आदि इन प्रशिक्षण वर्गों से सहज भाव से स्वयंसेवक की दृष्टि विकसित होती है।
संघ के प्रशिक्षण वर्गों से कार्यकर्ता श्रद्धापूर्वक, प्रीतिपूर्वक व नीतिपूर्वक कार्य के लिए स्वयंसेवक सिद्ध होता है। विनम्रता का, सेवा का और कृतज्ञता का भाव स्वयंसेवकों के लिए आवश्यक है। इसलिए “बनो और बनाओ” को सामने रखकर संघ को जानना, संघ को समझना व संघ के लिए जीना हमारे आचरण में आना चाहिए। संत कबीर ने सबको साधु कहा है, साधु को बड़े व्यापक अर्थ में संबोधित किया है। समाज जन के प्रति यही भाव स्वयंसेवक के मन में सदैव रहना चाहिए।
इस संघ शिक्षा वर्ग में सर्वाधिकारी मा. गिरीश उपासने जी, वर्ग कार्यवाह श्री रवि अग्रवाल जी, वर्ग के पालक अधिकारी श्री नागेंद्र वशिष्ठ जी है। इस द्वितीय वर्ष के विशेष वर्ग में मध्यक्षेत्र के चारों प्रान्तों से 244 शिक्षार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिनकी आयु 40 से 65 वर्ष के बीच है.