पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बोल एक बार फिर बिगड़ गए। उन्होंने एक बार फिर विधानसभा सेशन में आक्रामक तेवर दिखाए। बिहार विधानसभा में आज ऐसा नजारा देखने को मिला, जैसा शायद पहले कभी किसी ने देखा हो।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन के अंदर दलित तबके से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जमकर जलील किया। नीतीश कुमार काफी देर तक जीतन राम मांझी के साथ तू-तड़ाक करते रहे। अपशब्दों की बौछार करते रहे।
नीतीश कुमार की आपत्तिजनक बातों के बीच जीतन राम मांझी बोल रहे थे कि यह गलत बात है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को कह रहे थे कि बैठो न यार, अरे सुनो न यार, कुछ जानते हो, बैठो। नीतीश फिर भाजपा विधायकों की ओर मुड़े और कहा कि 2013 में जब आप लोगों को छोड़ दिये थे तो हम इसको (मांझी को) बना दिये थे मुख्यमंत्री। 2 ही महीना में हमारी पार्टी का लोग कहने लगे कि गड़बड़ है तो हम इसको हटा दिये थे और फिर हम बन गये थे। अब कहता रहता है कि मैं भी मुख्यमंत्री था। अरे, ई क्या मुख्यमंत्री था। ई तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना था।
सदन के ऊपर प्रेस दीर्घा में बैठे पत्रकारों की ओर देखते हुए नीतीश कुमार बोले कि आप ऊपर वाला भी जान लो, बिना मतलब का रोज इसको छापते हैं, कोई सेंस है इसमें। फिर भाजपा विधायकों को कहा कि एक मेरा सुझाव है कि आप ही लोगों के पीछे ई घूम रहा है। ई चाहता है गवर्नर बनना। यह हम लोगों के साथ था, तब भी जाकर उलटा पुलटा बोलता था तो लगा दीजिये गवर्नर इसको। अरे बनना चाहता है ये गवर्नर। अरे आप काहे नहीं बनाते हैं गवर्नर। इसको गवर्नर बना दीजिये।