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मानसिक अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, जनहित याचिका पर अंतिम सुनवाई फरवरी में
MANSIK ASPTAL FINAL

बिलासपुर। प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों और विशेषकर मानसिक चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टरों और बिस्तरों की कमी पर दायर जनहित याचिका पर अंतिम सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।

पद 11 मगर विशेषज्ञ चिकित्सक केवल 3

चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सेंदरी स्थित राज्य के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं विस्तार की कमी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। अधिवक्ता हिमांशु पांडे के माध्यम से विशाल कोहली की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मानसिक चिकित्सालय में 11 विशेषज्ञों के पद स्वीकृत हैं लेकिन उनमें से सिर्फ तीन की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा एक ईएनटी और एक आर्थोपेडिक चिकित्सक को पदस्थ किया गया है।

8 लाख नागरिकों पर एक मनोचिकित्सक..!

विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमों के अनुसार प्रत्येक 10 हजार की आबादी पर एक मनोचिकित्सक नियुक्त किया जाना चाहिए, मगर छत्तीसगढ़ में 8 लाख लोगों पर एक विशेषज्ञ है। प्रावधान के अनुसार हर जिले में एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना कर मनोचिकित्सक की नियुक्ति की जानी चाहिए।

बता दें कि पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि अस्पताल में बिस्तर की संख्या बढ़ाकर 200 की जा रही है। इसमें विधिक सेवा समिति की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया। अब इस मामले में 4 सप्ताह बाद अंतिम सुनवाई होगी।

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https://theruralpress.in/2023/01/10/shortage-of-specialist-doctors-in-mental-hospital/