रायपुर। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि परसो जो घटना घटित हुई उसके बाद मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया से में आहत और दुःखी हूं। मुख्यमंत्री को छतीसगढ़ की जनता से रायपुर की जनता से माफी मंगनी चाहिए। मैं 7 बार का विधायक हूं, मुख्यमंत्री की बदौलत नहीं बना हूं। मुख्यमंत्री अब पैसा खोर हो गए है, जो उनको पैसा देगा चाहे शराब माफिया हो, गुंडा हो, बदमाश हो। मुख्यमंत्री पर इतने आरोप लगाने के बाद भी जिनके ऊपर मे जग्गी हत्याकांड का आरोप हैं। जिनके उपर महादेव सट्टा का आरोप हैं। शराब का आरोप हैं। मुख्यमंत्री ने छतीसगढ़ को गुंडों के हाथ सौंप दिया क्या, कोई भी नहीं बोल सकता की मैंने कभी भी किसी के साथ जातिवाद किया हो या भेदभाव किया हो।
मुख्यमंत्री अब माफिया के सरदार हो गए हैं, उनको कुछ नहीं बोल सकते हैं। शराब के ठेके उनके हो गए हैं। हमारे लोगो को धमकी दी जाती हैं। घूमने के बहाने ले जाते हैं, पैसा देते है अगर नहीं लेते हैं तो धमकी देते हैं 17 के बाद देख लेंगे। 14 तारीख के बाद में खुलासा करुंगा। रायपुर की पुलिस नपुंसक हो गई है या बिक गयी है। गुर्गे मवाली या महादेव सट्टा की भागीदार बन गयी हैं,
बृजमोहन ने चेतावनी देते हुए कहा कि आज के बाद अगर हमारे किसी कार्यकर्ता को धमकाया गया। घर से निकाल के हम ठीक करेंगे। कुछ लोगों को पूरे छतीसगढ़ मे हार दिखाई दे रही हैं। इसलिए भगाना चाहते थे, चुनाव स्थगित करना चाहते थे। लोगों ने पैजामा कुर्ता पहना हुआ था। जिसमे हथियार छुपाया जाता है, ये
तो मेरे कार्यकर्ता और सुरक्षा गार्ड मुझे 100 मी अंदर ले गये, और हमारी संख्या ज्यादा थी तो बच गए,
मुझे लानत हैं कि मुख्यमंत्री अपराधियों पर 2 शव्द बोलने के अलावा मेरे ऊपर बोल रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री पर मानहानि का दावा करुंगा,चुनाव आयोग मे शिकायत करुंगा, और मुख्यमंत्री के भाषण पर चुनाव आयोग को 17 तारीख तक प्रतिबंध करें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनौती देते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां से चाहे वहां से चुनाव लड़े। मैं उनको चुनौती देता हूं। वह मेरी सीट चुन लें, मुख्यमंत्री जीत नहीं पायेंगे। महापौर के वार्ड मे ही ऐसा क्यो..? मुख्यमंत्री अपने वरिष्ठ विधायक के लिए आप माफी मांगेंगे आपको थोड़ी शर्म होगी।
शराब घोटाले में जब छापा पड़ा था तो ईडी ने कहा था,पॉलिटिकल मास्टर को सारा पैसा भेजते हैं। ढेबर के पॉलिटिकल मास्टर कौन है जनता जानना चाहती है। मुख्यमंत्री देश में सबसे कमजोर है शायद, न जिनकी कुछ करने की नियत है,छत्तीसगढ़ को बर्बाद करना मुख्यमंत्री की फितरत है। कांग्रेस का 75 पार का नारा फैल होते दिख रहा है, तो डर सता रहा है। हमें हथियारों से बदला नहीं लेना है वो 17 तारीख को जनता बदला लेगी, महंत जी तो प्रत्याशी है ही नहीं, वो तो कह रहे थे मुझे चुनाव नहीं लड़ना हैं, यह चुनाव भूपेश बघेल और उनके गुर्गो का है। छत्तीसगढ़ की पुलिस कांग्रेस पार्टी का पक्षकार बन गई है,शांतिपूर्ण चुनाव कराने में सक्षम नहीं है।