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युवा कांग्रेस ने वन विभाग के भष्टाचार को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,कार्यवाही नहीं होई तो करेंगे आंदोलन-अजय साहू 

गुड्डू यादव@मुंगेली। वनमण्डल के वन परिक्षेत्र खुड़िया में एकबार फिर बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। जहां विभागीय उदासीनता के चलते सैकड़ों एकड़ वन भूमि का नियम विरुद्ध पट्टा वितरित कर दिया गया है। वही इस फर्जीवाड़े को लेकर युवक कांग्रेस के नेता ने अजय साहू ने मुंगेली कलेक्टर राहुल देव को चार बन्दुओ में लिखित ज्ञापन सौंपते हुए जल्द ही जांच के बाद अधिकतर बांटे गए।फर्जी पट्टे को निरस्त करने की कार्रवाई करते हुए जारीकर्ता दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

बता दे कि खुड़िया रेंज ऑफिस से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित कक्ष क्रमांक 492 RF और 488 RF के अलावा बिजराकछार के कक्ष क्रमांक 475 RF के अधिकतर जारी पट्टे की भूमि पर घने जंगल में आज भी हजारों हरे भरे पेड़ स्थित है। उक्त वन भूमि की जमीन का नियम विरुद्ध वन अधिकार पट्टा खुड़िया समेत बिजराकछार के ग्रामीणों को दे दिया गया है। वही इस पट्टा वितरण के मामले में हैरानी की बात यह है कि अधिकतर ग्रामीणों के द्वारा वन भूमि पर कब्जा तो दूर अब तक पहले कभी खेती तक नहीं की गई है। बावजूद इसके उन्हें चचेड़ी बीट का जंगल लेकिन खुड़िया क्षेत्र के ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा वितरण कर दिया गया है। इस पूरे मामले में विभागीय अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल जिस कक्ष क्रमांक 492 RF जंगल की जमीन को रेवड़ी की तरह मिलीभगत कर पट्टा वितरण किया गया है उक्त वन भूमि में कुछ वर्ष पहले वन विभाग के द्वारा सागौन और रतनजोत का प्लांटेशन भी लगवाया गया है. इसके अलावा उक्त वन भूमि में समय समय पर लाखों रुपए खर्च कर शासकीय राशि आहरण करते हुए वन विभाग द्वारा अनेक कार्य भी कराया गया है। 

ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है जब लगातार कई वर्षों से वन विभाग के अधिकारियों ने जिस वन भूमि पर लाखों रुपये खर्च कर जंगल को बचाने एवं उनके संरक्षण के लिए काम किया है उक्त वन भूमि का पट्टा ग्रामीणों को कैसे वितरण हो गया या यह एक बड़ा सवाल है।

वही इस जारी पट्टे को मुंगेली वनमण्डल की डीएफओ शमा फारुखी की मौजूदगी में मुंगेली कलेक्टर के हांथो ग्रामीणों को पट्टा बटवाया गया है। 

इस पूरे मामले में वन विभाग के एसडीओ मानवेन्द्र मारकंडे खुड़िया वन परिक्षेत्र के रेंजर लक्ष्मण दास पात्रे मौन साधे हुए हैं।

ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि जब पट्टा वितरण करना ही था तो इतनी जल्दबाजी क्यों थी। बिना स्थल जांच किये ही वन विभाग ने किस आधार पर पट्टा बनवाकर ग्रामीणों को वितरण कर दिया है।

भारी मात्रा में पेड़ो की हो रही कटाई

जहां कुछ वर्ष पहले खुड़िया वन परिक्षेत्र के कुछ एरिया में चारो तरफ घना जंगल था. वहां अब केवल चारो तरफ पेड़ो की अंधाधुन कटाई की गई है जहां अब केवल ठूठ ही ठूठ दिखाई दे रहा है. और अब ग्रामीण इन पेड़ों की निर्ममता से खुलेआम कटाई कर रहे हैं. इन्हें रोकने वाले जिम्मेदार वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

वन अधिकार पट्टा बनाने क्या है नियम.

आदिवासी विकास विभाग मुंगेली के सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे ने बताया की वन अधिकार अधिनियम 2006 के यथा संशोधित अधिनियम 2012 के तहत अधिनियम प्रभावशील है इसके तहत यह प्रावधान है कि जो 13 दिसंबर 2005 से पहले का आदिवासी हो तो उसका कब्जा होना जरूरी है और यदि कोई व्यक्ति गैर आदिवासी है जो आदिवासी को छोड़कर किसी अन्य जाति का हो अगर वह अभी काबिज है तो उसे 13 दिसंबर 2005 के कब्जा के साथ तीन पीढ़ी का निवास होना भी जरूरी है. यह इस एक्ट में विशेष प्रावधान किया गया है व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा के लिए एक व्यक्ति को 4 हेक्टेयर तक यानी 10 एकड़ तक जमीन का पट्टा प्रदान करने नियम है। जबकि शासन के सभी नियमो को ताक में रखते हुए बिजराकछार और खुड़िया में चहेते लोगों को लाभ पहुचाने दस्तावेजो में छेड़छाड़ कर अपात्रों को वन अधिकार पट्टा जारी कर दिया गया है. वही इस मामले में निष्पक्ष जांच की गई तो कई चौकाने वाले सच सामने आएंगे।

वन अधिकार संसाधन प्रमाण पत्र को लेकर मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने कहा फर्जी पट्टे का मामला आया है जिसमें जांच के आदेश दिए हैं अगर यह प्रूफ हो जाएगा कि पट्टा फर्जी है तो कानूनी कार्यवाही किया जाएगा। पट्टा वितरण के लिए जो नियम है उन नियमों में कोई ढिलाई नहीं दी गई है अगर वह नियम में आते हैं और उनकी पात्रता बनती है तभी उन्हें पट्टा दिया गया है।

वही खुड़िया वन परिक्षेत्र अंतर्गत जारी पट्टे को लेकर कांकेर विधायक एवं विभाग के संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी ने कहा कि सेंट्रल फॉरेस्ट एक्ट में कहीं यह रोक नहीं है कि आपको रिजर्व फॉरेस्ट सेंचुरी एरिया में पट्टा नहीं देना है अगर गैर आदिवासी भी 13 दिसंबर 2005 से कब्जे में है और उनकी पीढ़ी तीन पीढ़ी तक वहां क्षेत्र में निवास कर रहे हैं तो उनकी पात्रता बनती है. उन्होंने कहा अगर कहीं ऐसी कोई जानकारी और शिकायत होगी की गलत तरीके से वन अधिकार पट्टे का वितरण हुआ है तो इसकी जांच होगी इस तरह के अवांछनीय लोग जो जबरन कब्जा कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी उनको बेदखल किया जाएगा।

बहरहाल देखना होगा वन्यजीव और वनस्पति के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कब तक विभाग के जवाबदार अधिकारियों द्वारा जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी।

ज्ञापन सौंपने अजय साहू जिला महासचिव युवा कांग्रेस मुंगेली, अतुल यादव युवा नेता,नरसिंग निषाद,विजय कुर्रे,रोहित,रामकिसन,सनिज,निखिल साहू सहित अधिक संख्या में युवा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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