गरियाबंद। आदिवासी बालक आश्रम में पढ़ाई करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चे धोखे से रतनजोत के जहरीले फल को खा गए। जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई और बच्चे उल्टी करने लगे। मामले की जानकारी लगते ही पुरे गांव में हड़कंप मच गया, ग्रामीणों ने संजीवनी एक्सप्रेस 108 को फोन लगाया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई। नतीजतन ग्रामीणों ने कड़ाके की ठंड में बच्चों को मोटर सायकल में बिठाकर घने जंगलो को पार कर रात 9 बजे मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जा गया। जहां डाॅक्टरों के द्वारा बच्चों का इलाज किया जा रहा है। रतनजोत जहरीले फल खाने के कारण दो छात्रों का हालत गंभीर बताई जा रही है और सभी 8 छात्रों का ईलाज मैनपुर अस्पताल में किया जा रहा है। फिलहाल बच्चों का इलाज जारी है और स्थिति पर मैंने नजर बनाये रखी हुई है।