राजनांदगांव. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग विभाग जिला राजनांदगांव द्वारा खाद्य सामग्रियों (विशेष कर तले हुए सामग्रियों) को पैक करने या वितरण / भंडारित करने के लिए अखबारी समाचार या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश खाद्य कारोबारकर्ता को दिये गए हैं। अक्सर देखा जाता है कि चौक चौराहों में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ठेला चालकों के द्वारा खाद्य सामग्रियों जैसे बड़ा समोसा, पकौड़े इत्यादि को पैक करने या वितरित करने के लिए अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का इस्तेमाल किया जाता है। कम लागत व आसानी से उपलब्ध होने के कारण खाद्य सामग्रियों को रखने या पैक करने के लिए अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग किया जाता है जो कि मानव स्वास्थ सुरक्षा के दृष्टि से नुकसान दायक होता है। ज्ञात हो कि इस संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण एवं खाद्य एवं औषधि प्रशासन छ.ग. द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर खाद्य सामग्रियों के वितरण / भंडारण हेतु अखबारी पेपर्स या अन्य प्रिंटेड पेपर्स के उपयोग को हतोत्साहित कर बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डोमेन्द्र ध्रुव ने बताया कि अखबारों या प्रिंटेड पेपरों की छपाई के लिए प्रयुक्त स्याही में डाइ-ईन- आइसोब्यूटाइलेट, डाई आइसो ब्युटाइल समेत कई तरह के रंजक होते हैं जो गीली या तैलीय खाद्य सामग्रियों के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे पाचन तंत्र संबंधी समस्या, एलर्जी, टॉक्सीसिटी सहित कई गंभीर बिमारियों हेतु हमारे प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर हो जाते हैं। विभाग द्वारा खाद्य कारोबारकर्ताओं सहित आमजन से भी अपील करती है कि अखबारी समाचार पत्रों या अन्य प्रिंटेड पेपर्स का उपयोग खाद्य सामग्रियों हेतु ना करें और किसी अन्य को ना करने दें। बार-बार समझाइस के बाद भी किसी खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की Email Id – FDArjn@gmail.com में या स्थानीय जिला कार्यालय में संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते – हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा उक्त निर्देशों के पालन हेतु जनजागरूकता सहित अभियान चरणबद्ध रणनीति तैयार कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेंगी।
The post राजनांदगांव : “खाद्य सामग्रियों को पैक करने अखबारों का उपयोग बंद करने के निर्देश” appeared first on .